Nagar Nigam Rule 2025 : बिहार के नगर निगमों और नगर परिषदों में अब डिप्टी मेयर और डिप्टी चीफ पार्षद को मेयर और चीफ पार्षद के समान ही सुविधाएं मिलेंगी। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद अब डिप्टी मेयर और डिप्टी चीफ पार्षद को भी वाहन की सुविधा मिलेगी।

आपको बता दें कि फिलहाल राज्य में 19 नगर निगम और 88 नगर परिषद हैं। जिन नगर निकायों में डिप्टी मेयर-डिप्टी चीफ पार्षदों को कार्यालय कक्ष, कार्यालय उपकरण और कार्यालय परिचारी उपलब्ध नहीं है, उन्हें ये सारी सुविधाएं मिलेंगी। विभाग ने निर्देश दिया है कि नगर निगम और नगर परिषद के निर्वाचित डिप्टी मेयर और डिप्टी चीफ पार्षद को भी मेयर और चीफ पार्षद के अनुरूप संबंधित जिले के जिला पदाधिकारी द्वारा निर्धारित दर पर वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

योजनाओं की जांच में होगी सुविधा : नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी उप महापौर एवं उप मुख्य पार्षदों की पुरानी मांग थी कि उन्हें वाहन उपलब्ध कराया जाए। सरकार ने उनकी मांग मान ली है, ताकि उनकी कार्य क्षमता बढ़े और नगर निकायों का काम सुचारू रूप से चलता रहे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में लोगों को बेहतर और आधुनिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार दिन-रात काम कर रही है। ऐसे में इन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को वाहन सुविधा उपलब्ध कराने से उन्हें योजनाओं की जांच और निगरानी में सुविधा होगी। इससे नगर निकायों की योजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।


कार्य क्षेत्र बड़ा होने के कारण वाहन की जरूरत: उन्होंने कहा कि राज्य के नगर निगमों और नगर परिषदों का क्षेत्र बड़ा होने के कारण उप महापौर सह उप मुख्य पार्षद को भी वाहन सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नगर निकायों के उप महापौर सह उप मुख्य पार्षद के पदीय दायित्व और कर्तव्यों का उल्लेख बिहार नगर पालिका अधिनियम में किया गया है। चूंकि महापौर सह मुख्य पार्षद की अनुपस्थिति में उनके निहित शक्ति एवं कर्तव्य का निर्वहन उप महापौर सह उप मुख्य पार्षद द्वारा किया जाता है। वे सशक्त स्थायी समिति के पदेन सदस्य होते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें वाहन कार्यालय, कार्यालय उपकरण एवं परिचारक आदि की सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।



