सीवान जिले के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में आज CBI की अदालत 3 दोषियों को सजा सुनाई है। सीबीआई कोर्ट ने विजय कुमार गुप्ता, रोहित कुमार सोनी और सोनू कुमार गुप्ता को आजीवन कारावास और 30 हजार आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।

30 अगस्त को अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद विजय कुमार गुप्ता, रोहित कुमार सोनी और सोनू कुमार गुप्ता को हत्या का दोषी ठहराया था। वहीं, सबूतों के अभाव में लदन मियां, राजेश कुमार और रिशु कुमार जायसवाल को बरी कर दिया था। बता दें कि 9 साल पहले 2016 में राजदेव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

राजदेव की पत्नी बोली- तीनों को फांसी होनी चाहिए

कोर्ट के फैसले पर राजदेव रंजन की पत्नी आशा देवी ने कहा कि, तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा से मैं संतुष्ट हूं। मुझे कानून पर पूरा भरोसा था। इन लोगों ने जिस तरह से मेरी पति की हत्या की थी, इन्हें फांसी होनी चाहिए थी।

न्याय मिला है, लेकिन जो व्यवस्था है, उस पर दोबारा सोचना चाहिए। आजीवन कारावास में ये जिंदा रहेंगे, कहीं न कहीं रहेंगे, इन्हें जरूरी था कि फांसी की सजा होनी चाहिए थी। कानून में ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए जिससे ऐसी घटना दोबारा न हो।

आशा देवी ने आगे कहा कि, दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी। कोर्ट ने सबूतों, गवाहों को सुनते हुए तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, मुझे संतुष्टि है। बाकी तीन अन्य आरोपियों को जिन्हें बरी किया गया है, उनके खिलाफ भी मैं कोर्ट जाऊंगी, उन्हें भी इस मामले में सजा दिलाकर रहूंगी।
2016 में हुई थी पत्रकार राजदेव की हत्या
दरअसल, 13 मई 2016 को सीवान के सीनियर जर्नलिस्ट राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अपराधियों ने शाम के समय स्टेशन रोड पर उस वक्त अटैक किया जब वे अस्पताल से लौट रहे थे। नजदीक से कई गोलियां दागी गईं, मौके पर ही राजदेव ने दम तोड़ दिया था।

राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने कहा, ‘उनकी मौत ने हमारे परिवार की जिंदगी पूरी तरह बदल दी। मैं चाहती हूं कि दोषियों को ऐसी सजा मिले, जिससे समाज को संदेश जाए कि अपराधी कितना भी ताकतवर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।

