मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के 6 लाख 51 हजार 602 बाढ़ पीड़ितों के खाते में कुल 456.12 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं। बुधवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रत्येक पीड़ित परिवार के खाते में सात-सात हजार रुपये भेजे। बाढ़ पीड़ित परिवार राज्य के बारह जिलों के हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा, आप सभी लोगों ने बाढ़ से निपटने में बहुत अच्छा काम किया है। लेकिन, बाढ़ का समय अभी समाप्त नहीं हुआ है। सितम्बर महीने में भी भारी वर्षा और नदियों के जलस्तर में वृद्धि होती है। कभी-कभी बाढ़ भी आ जाती है। इसलिए अधिकारी सतर्क रहें और स्थिति पर नजर बनाए रखें। बाढ़ जैसी स्थिति आने पर पीड़ित लोगों की पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करें। मेरा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है।

उन्होंने कहा कि हमने 13 अगस्त को बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी और 14 अगस्त को पटना, वैशाली, बेगूसराय एवं मुंगेर जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति को देखा था। हमने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने का निदेश दिया था। साथ ही 20 अगस्त तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को आनुग्रहिक राहत राशि का भुगतान शुरू करने का भी निर्देश दिया था। मुझे खुशी है कि आज प्रभावित परिवारों को राहत राशि का भुगतान किया गया है।


कार्यक्रम के दौरान विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि अगस्त माह में गंगा नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण इसके किनारे स्थित 11 जिलों भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इससे पहले पड़ोसी राज्य में भारी वर्षा के कारण नालंदा जिले के 4 प्रखंडों की 8 पंचायतों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी।



