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Bihar River Dam : तटबंधों में चूहे और लोमड़ियों के बिल तलाशेंगे इंजीनियर.

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By Samastipur Today Desk


Bihar River Dam : तटबंधों में चूहे और लोमड़ियों के बिल तलाशेंगे इंजीनियर.

 

Bihar River Dam : बिहार के तटबंधों में चूहे और लोमड़ियों के बिल खोजने के लिए व्यापक अभियान चलेगा। जल संसाधन विभाग ने अपने इंजीनियरों को यह जिम्मेवारी सौंपी है। दरअसल, विभाग की मानसून के पहले सूबे के 3800 किलोमीटर लंबे तटबंध का निरीक्षण करने की योजना है।

 

इसके तहत कनीय अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक तटबंधों पर हैं। वे लगातार तटबंधों का जायजा ले रहे हैं। इसके तहत संवेदनशील स्थलों की भी अलग से पहचान की जा रही है।

इसी अभियान में उन्हें रैट-फॉक्स होल यानी चूहे और लोमड़ियों के बिलों पर खास नजर रखने को कहा गया है। तटबंध के लिए ये बिल बेहद खतरनाक होते हैं। बाढ़ के दौरान नदियों में पानी बढ़ने पर ये बिल उन्हें तटबंध में प्रवेश का रास्ता उपलब्ध कराते हैं। पानी का स्तर बढ़ने पर वे धीरे-धीरे इन बिल में प्रवेश करते हैं और तटबंधों को क्षति पहुंचाते हैं।

इससे तटबंध के अंदर कटाव शुरू होता है जो बाद में उनके टूटने या क्षतिग्रस्त होने का कारण बनता है। इसीलिए इस वर्ष बाढ़ अवधि के दौरान तटबंधों की खास निगरानी की कार्ययोजना बनायी गयी है। इसमें अगले तीन दिनों तक सारे तटबंधों का एक साथ निरीक्षण किया जाना है।

इसके लिए विभाग ने सभी संबंधित अभियंताओं को एक साथ जमीन पर उतारा है। इन्हें सभी नदियों के तटबंधों का निरीक्षण करते हुए स्थल पर ही समस्या का निदान भी करना है। बीते साल नदियों में अप्रत्याशित पानी आने से काफी परेशानी हुई थी। गंडक, कोसी और सोन नदी में रिकॉर्ड पानी आया। सूबे में 26 स्थानों पर नदियों में हुए कटाव से तटबंध क्षतिग्रस्त हुए थे।

इनमें बागमती नदी में ही पांच स्थानों पर तटबंधों को भारी क्षति हुई थी। वहीं, गंडक में दो स्थानों पर तटबंध टूटे थे। हालांकि बड़ी संख्या में नदियों का पानी तटबंध को ओवरटॉप कर गया था और उसके ऊपर से बहने लगा था।

 

नदी तटबंध की लंबाई (लंबाई किलोमीटर में )

  • गंडक 511.66
  • बूढ़ी गंडक 779.26
  • बागमती-अधवारा 696.34
  • कोसी 451.25
  • कमला 207.35
  • घाघरा 132.90
  • पुनपुन 37.62
  • चांदन 83.18
  • महानंदा 230.33
  • गंगा 596.92
  • सोन 59.54
  • किउल-हरोहर 14.00