बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी) में रविवार को ली गई पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पैट) पेपर वायरल होने बाद रद्द कर दी गई है। एक परीक्षार्थी को इस सिलसिले में पकड़ा गया है। युवक पर परीक्षा के दौरान खिड़की से पर्चा बाहर फेंकने और फिर उसके साथी द्वारा उसे लीक और वायरल करने का आरोप है। कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने कहा है कि एक महीने में पीएचडी प्रवेश परीक्षा फिर से ली जाएगी। परीक्षा समिति की आपात बैठक में इस परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा लेने का फैसला लिया गया।
पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पैट) रविवार को पहली पाली में सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दूसरी पाली में दोपहर 1.30 बजे से 3.30 बजे होनी थी। पहली पाली में पहले पेपर और दूसरी में दूसरे पेपर की परीक्षा थी। सुबह करीब 11.15 बजे प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विवि प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए पेपर वायरल करने वाले छात्र को पकड़ लिया और थाने के हवाले कर दिया। छात्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोपित छात्र हिंदी विषय का था और चार बार से परीक्षा दे रहा था।
विवि थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि आरोपित छात्र अभिषेक गुप्ता को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पूछताछ में उसने बताया है कि उसने कंचन कुमार के कहने पर प्रश्न पत्र को वायरल किया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि कंचन का नाम भी एफआईआर में शामिल किया गया है। उसको लेकर अभिषेक के बयान का सत्यापन किया जा रहा है। पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए 3519 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था। परीक्षा के लिए पांच केंद्र बनाए गए थे।
पीएचडी प्रवेश परीक्षा का प्रश्न पत्र कमरा नंबर 37 से वायरल हुआ।
परीक्षा के नोडल अधिकारी प्रो. विनय शंकर राय और पर्यवेक्षक प्रो. संगीता सिन्हा ने बताया कि विवि प्रशासन को पहले से सूचना थी कि एलएस कॉलेज में गड़बड़ी हो सकती है। विवि प्रशासन ने परीक्षा नियंत्रक को आरडीएस कॉलेज और रजिस्ट्रार को हॉल में मुस्तैद रहने कहा था। वीसी खुद एलएस कॉलेज पहुंचे थे।
बताया गया है कि पकड़े गए परीक्षार्थी ने कमरा नंबर 37 में खिड़की से प्रश्न पत्र को बाहर फेंका। बाहर खड़े एक दूसरे छात्र ने उसे वायरल कर दिया। प्रॉक्टर प्रो. विनय शंकर राय ने बताया कि दूसरी पाली में 1.36 बजे परीक्षार्थी को उसकी सीट से पकड़ा गया। प्रश्न पत्र वायरल होने के बाद कंट्रोल रूम से जानकारी जुटाई गई तब जाकर पता चला कि परीक्षार्थी का सेंटर एलएस कॉलेज में है। वह दूसरी पाली में भी प्रश्न पत्र वायरल करना चाहता था, लेकिन उससे पहले ही उसे पकड़ लिया गया।
एक साथ ली जा रही थी दो साल की परीक्षा
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में राजभवन ने भी विवि प्रशासन से फोन पर बात की और मामले की जानकारी ली। रजिस्ट्रार प्रो. समीर कुमार शर्मा ने बताया कि राजभवन को विवि की तरफ से सूचना दी गई है।
विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा वर्ष 2022 और 2023 के लिए एक साथ हो रही थी। इस परीक्षा के लिए एक साल से आवेदन प्रक्रिया चल रही थी। जिन छात्रों ने परीक्षा दी, उनका कहना था कि पहले और दूसरे पेपर में कई सवाल कठिन थे। परीक्षा देकर लौट रहे कई छात्रों के चेहरे उतरे हुए थे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने किया प्रदर्शन
प्रश्न पत्र वायरल होने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने उग्र प्रदर्शन किया। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुशील सिंह ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक को इस्तीफा दे देना चाहिए। तीन दिन पूर्व ही कुलपति और प्रॉक्टर से स्वच्छ एवं निष्पक्ष परीक्षा की मांग को लेकर परिषद का प्रतिनिधिमंडल ने मिला था।


