Bihar NREGA : मनरेगा के तहत केंद्र सरकार से बिहार को पिछले नौ महीने से सामग्री मद की राशि नहीं मिली है। इस कारण यह बकाया चार हजार करोड़ हो गया है। राशि नहीं मिलने से मनरेगा के तहत राज्य में चल रहे कार्य की गति धीमी पड़ गई है। उधार में सामग्री लेकर सभी योजनाओं में कार्य किया जा रहा है। आपूर्तिकर्ताओं को आश्वासन दिया गया है कि राशि का भुगतान उन्हें पैसा मिलते ही कर दिया जाएगा।

ग्रामीण विकास विभाग की ओर से इसको लेकर केंद्र सरकार से कई बार आग्रह किया गया है कि सामग्री मद की राशि शीघ्र भेजी जाए, मगर अभी तक यह अप्राप्त है। विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि सितंबर, 2024 से ही राशि नहीं आयी है। केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में बताया गया है कि सामग्री मद की राशि जारी करने को लेकर नयी व्यवस्था बनायी जा रही है, जिस कारण इसमें विलंब हो रहा है। साथ ही काम की रफ्तार पर भी इसका असर पड़ा है। कोशिश की जा रही है कि जल्द ही राशि भेज दी जाय।

मनरेगा के तहत राज्य में अभी ग्राम पंचायतों में खेल मैदान का निर्माण, ग्रामीण संपर्क पथ, बांध का निर्माण, तालाबों का सौंदर्यीकरण, आहर-पइन की खुदाई आदि कार्य हो रहे हैं। सामग्री आपूर्ति करने वाले उधार में ही बालू, ईंट, सीमेंट आदि उपलब्ध करा रहे हैं। केंद्र से राशि मिलने पर उनका भुगतान होगा। पदाधिकारी बताते हैं कि जुलाई से बरसात का मौसम आ जाता है, जिसके बाद निर्माण अथवा मिट्टी के कार्य में बाधा उत्पन्न हो जाती है। इसलिए फरवरी से जून तक तेजी से काम किए जाते हैं। ऐसे में समाग्री मद की राशि मिलने से इन महीनों में काम में और अधिक तेजी आती है।


मजदूरी मद का भी 900 करोड़ है बकाया :
मनरेगा में मजदूरी मद का भी 900 करोड़ बकाया हो गया है। इसके चलते राज्य के करीब 20 लाख श्रमिकों की मजदूरी डेढ़ माह से बाकी है। इनमें अप्रैल में 174 करोड़ तथा मई का 678 करोड़ की मजदूरी बकाया हो गयी है। वहीं, 63 करोड़ रुपये मजदूरी मद में पूर्व से बकाया है। मालूम हो कि इससे पहले 21 अप्रैल को मनरेगा श्रमिकों की बकाया मजदूरी का 2100 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने जारी किया था। इसके बाद से आगे की राशि श्रमिकों को भुगतान नहीं की गई है।



