सरकारी स्कूलों में अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षण प्रबंधन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षक मार्गदर्शिका जारी की है। मार्गदर्शिका के अनुसार स्कूलों का संचालन होगा।
विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने सभी शिक्षकों को मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मार्गदर्शिका में स्कूलों में शिक्षकों की भूमिका व दायित्वों को पांच श्रेणी में बांटा गया है।
छात्र स्वरुप, विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन व अभिभावक प्रबंधन। स्कूल से लेकर वर्ग संचालन के दौरान किन-किन बिन्दुओं पर किस प्रकार से कार्य करना है, इसकी क्रमवार जानकारी दी गई है।
शिक्षकों को छात्र स्वरुप में यह व्यवस्था सुनिश्चित करना है कि सभी छात्र स्कूल ड्रेस व बस्ते के साथ समय पर स्कूल पहुंचें। बैग में किताबें, नोटबुक, पेंसिल, बॉक्स व पानी का बोतल रहे।
छात्र को शारीरिक दंड नहीं देंगे शिक्षक
किसी भी परिस्थिति में छात्र को शारीरिक दंड नहीं देना है। यह बच्चे के व्यवहार को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। शिक्षकों को पढ़ाने के साथ साथ छात्र और अभिभावकों को भी समझाना है। छात्र को स्वच्छता के प्रति सजग करना हैं।
वर्ग में ब्लैक बोर्ड कंप्यूटर, स्मार्ट क्लास की सुविधा हो। अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से पूर्व ध्यान रखें । क्लास शुरू होने से दस मिनट पहले शिक्षक स्कूल में उपस्थित रहें।
ई शिक्षा कोष एप से अपनी उपस्थति दर्ज कराएं, स्कूल के हेडमास्टर के साथ बैठकर उस दिन की शिक्षण योजना पर चर्चा करें, स्कूल के चेतना सत्र में छात्र अनुशासन को व्यवस्थित करें।
छात्र व अभिभावक प्रबंधन पर होगा कार्य
मार्गदर्शिका के मुताबिक छात्र व अभिभावक प्रबंधन के अनुरुप कार्य करना है। जिले के प्रत्येक प्रखंड में प्रत्येक माह सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसी एक शिक्षक, एक प्रतिभाशाली छात्र का चयन किया जाएगा, जिसे अपर मुख्य सचिव सम्मानित करेंगे। सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षक व प्रतिभाशाली छात्र के चयन के स्वरुप की जानकारी अलग से दी जायेगी।
छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण अनिवार्य
सभी शिक्षकों के लिए छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण अनिवार्य है। किसी भी स्कूल में अप्रशिक्षित शिक्षक नहीं रहेंगे। क्लास के ब्लैक बोर्ड पर दिनांक, दिन, विषय, उपस्थिति, अनुपस्थिति, छात्रों की संख्या, शिक्षक या क्लास के मॉनीटर का नाम लिखा जाएगा। छात्रों की उपस्थिति ई शिक्षा कोष एप पर बनेगी।
वर्ग आरंभ होने के पांच मिनट के अंदर हाजिरी बनाना अनिवार्य होगा। क्लास में छात्रों की संख्या अधिक होने पर सेक्शन में बांटकर पढ़ाई होगी।
विद्यार्थी की डायरी नियमित देखेंगे शिक्षक
विद्यार्थी की डायरी शिक्षक नियमित रूप से देखें। वैसे विद्यार्थियों की पहचान करनी है जो कक्षा में अपने सहपाठियों एवं शिक्षकों के साथ स्वतंत्र भाव से आत्मविश्वास के साथ बातचीत नहीं करते हैं।
विद्यार्थी यदि तीन दिन तक लगातार स्कूल नहीं आते हैं तो शिक्षक उनके अभिभावक से दूरभाष पर संपर्क कर जानकारी प्राप्त करेंगे। वैसे बच्चे जो सामाजिक व आर्थिक परिस्थिति के कारण रोजगार में व्यस्त हैं। उनके अभिभावक को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है। हर सप्ताह अभिभावक व शिक्षक गोष्ठी होगी।