बिहार में लगभग दस फीसदी रैयतों (जमीन मालिकों) की जमाबंदी पंजी सहित अन्य प्रकार के जमीन दस्तावेजों में खामियां हैं। जमाबंदी पंजी की संख्या सवा चार करोड़ से अधिक है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से चलाए गए राजस्व महाअभियान के दौरान 44 लाख से अधिक लोगों ने जमीन के दस्तावेजों में सुधार के लिए आवेदन दिए हैं। खासबात यह है कि इनमें से करीब तीन चौथाई (33 लाख से अधिक) आवेदन जमाबंदी में सुधार के ही हैं। अब इन आवेदनों को ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। इसके बाद सुधार की प्रक्रिया शुरू होगी। छह माह के भीतर सभी आवेदनों का निपटारा करने का लक्ष्य विभाग ने रखा है।

महाअभियान का समापन शनिवार को हो गया। बीते 16 अगस्त से 20 सितम्बर तक चले इस अभियान में लोगों की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली। महाअभियान के तहत शिविरों में शनिवार की शाम तक 44 लाख 42 हजार 152 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें 33 लाख 34 हजार 352 आवेदन जमाबंदी पंजी में त्रुटि सुधार से संबंधित हैं। जबकि, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने के लिए 5 लाख 68 हजार 751 आवेदन आए। वहीं, उत्तराधिकार नामांतरण के लिए 2 लाख 92 हजार 020 आवेदन आए। बंटवारा नामांतरण हेतु 2 लाख 47 हजार 029 आवेदन शिविरों में आए हैं।


चार प्रकार के काम होंगे सुधार के लिए
विभाग के अनुसार अभियान के दौरान जमाबंदी में सुधार और अपडेट करने के लिए चार प्रकार के काम किए गए। हलका (पंचायत) स्तर पर तीन-तीन शिविर का आयोजन कर जमाबंदी में त्रुटि सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने, उत्तराधिकार नामांतरण व बंटवारा नामांतरण के आवेदन लिए गए। इन आवेदनों को अब दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इसके लिए सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।



