कार्यस्थल के नजदीक आवास उपलब्ध करा कर राज्य सरकार सिर्फ महिला कर्मियों को ही लाभ नहीं पहुंचा रही है, इसका फायदा आम लोगों को भी मिलेगा, जिनकी शिकायत रहती है कि कार्यावधि में कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण उनका जरूरी काम समय पर नहीं हो पाता है।

आवास की दूरी के नाम पर देर से कार्यस्थल पर पहुंचने की शिकायतें मिलती रहती हैं। राज्य सरकार की नई आरक्षण नीति के कारण सरकारी सेवाओं में महिला कर्मियों की भागीदारी 37 प्रतिशत तक बढ़ गई है। अभी सौ में से तीन पद पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। शेष 97 प्रतिशत पदों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है।

समग्रता में महिलाओं को कुल 37 प्रतिशत आरक्षण
समग्रता में महिलाओं को कुल 37 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। आवास की सुविधा नहीं रहने के कारण महिला कर्मियों को समय पर कार्य स्थल पर पहुंचने और कार्यावधि तक टिके रहने में परेशानी हो रही है। इसका दूसरा प्रभाव यह पड़ रहा है कि महिलाकर्मी शहर या अपने आवास के आसपास के कार्यालयों में पदस्थापन के लिए दबाव बनाती हैं।

दूर आवास सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित नहीं
आवास के संबंध में जारी सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प में इसका उल्लेख किया गया है कि पदस्थापन स्थल से दूर आवास सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित नहीं है। चालू वित्त वर्ष के बजट अभिभाषण में महिला सिपाहियों के संदर्भ में पदस्थापन स्थल के आसपास किराये का आवास उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। बाद में इसे सभी महिला कर्मियों के लिए लागू कर दिया गया।

विभागों में प्रतिदिन आम लोगों का काम
पुलिस के अलावा स्कूल, प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों में भी बड़े पैमाने पर महिलाएं बहाल हुई हैं। ये सब जन सरोकार से जुड़े विभाग हैं, जिनसे प्रतिदिन आम लोगों का काम पड़ता है। यह सुविधा राज्य, प्रमंडल और जिला मुख्यालय से भिन्न स्थलों पर पदस्थापित महिला कर्मियों को देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का प्रस्ताव है। इसमें एसपी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता और अनुमंडल पदाधिकारी सदस्य रहेंगे।

आवास के संबंध में जारी सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प में इसका उल्लेख किया गया है कि पदस्थापन स्थल से दूर आवास सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित नहीं है। चालू वित्त वर्ष के बजट अभिभाषण में महिला सिपाहियों के संदर्भ में पदस्थापन स्थल के आसपास किराये का आवास उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। बाद में इसे सभी महिला कर्मियों के लिए लागू कर दिया गया।

विभागों में प्रतिदिन आम लोगों का काम
पुलिस के अलावा स्कूल, प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों में भी बड़े पैमाने पर महिलाएं बहाल हुई हैं। ये सब जन सरोकार से जुड़े विभाग हैं, जिनसे प्रतिदिन आम लोगों का काम पड़ता है। यह सुविधा राज्य, प्रमंडल और जिला मुख्यालय से भिन्न स्थलों पर पदस्थापित महिला कर्मियों को देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का प्रस्ताव है। इसमें एसपी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता और अनुमंडल पदाधिकारी सदस्य रहेंगे।

