बिहार में बिजली कंपनी में इंजीनियरों के तबादले (Transfer of engineers) में नियमों की अनदेखी की जा रही है। कंपनी ने जिस इंजीनियर को प्रशासनिक कारणों से हटाया था, महज डेढ़ माह के भीतर ही उसे फिर से उसी जगह पर पोस्टिंग कर दी गई।

इसी तरह एक कार्यपालक अभियंता को भी डेढ़ माह के भीतर वर्क्स डिविजन में तैनात कर दिया गया है। बिजली कंपनी के कर्मचारी संघों ने यह आरोप लगाते हुए इस पर नाराजगी जाहिर की है।

कर्मचारी संघों के अनुसार 25 फरवरी 2022 को समस्तीपुर में तैनात अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश का मुजफ्फरपुर सर्किल में तबादला किया गया। दो मई 2025 को पंकज राजेश का तबादला किशनगंज के सीजीआरएफ अध्यक्ष के रूप में किया गया।

किशनगंज सीजीआरएफ के अध्यक्ष अजय कुमार रत्नाकर को मुजफ्फरपुर की कमान सौंपी गई थी। कंपनी ने अपने आदेश में कहा था कि पंकज राजेश का तबादला प्रशासनिक कारणों से किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, तीन साल से अधिक समय तक एक ही जगह रहने के कारण ही इनका तबादला किया गया था।


माह लगभग डेढ़ माह बाद ही बीते 19 जून को फिर से पंकज राजेश को मुजफ्फरपुर में डीजीएम सह अधीक्षण अभियंता के रूप में पोस्टिंग दे दी गई। वहीं, अजय रत्नाकर को फिर से किशनगंज सीजीआरएफ भेज दिया गया। इसी तरह सीतामढ़ी के कार्यपालक अभियंता पंकज कुमार की शिकायत मिलने पर 17 मई को बिहारशरीफ तबादला किया गया था, लेकिन एक माह बाद ही 19 जून को इन्हें फिर से बिहारशरीफ से छपरा पूर्वी डिविजन की जिम्मेदारी सौंप दी गई।


