Bihar Election : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की। इसकी शुरुआत भी तुरंत होगी। राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में जाति आधारित जनगणना कराते समय लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली। इसमें सवर्ण, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित और मुस्लिम समुदाय के 94 लाख परिवार गरीब पाए गए।

आपको बता दें कि इससे पहले शनिवार को नीतीश कुमार ने बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये करने और जीविका कर्मियों का मानदेय दोगुना करने के साथ ही जीविका दीदियों के लिए तीन फीसदी सस्ता लोन देने की घोषणा की थी। लोन की सीमा भी तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई थी।

जातिगत सर्वेक्षण के बाद राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि गरीब तबके के परिवारों को रोजगार के लिए दो लाख रुपये प्रति परिवार की दर से सहायता दी जाएगी, जिसकी शुरुआत हो गई है। नीतीश कुमार ने कहा कि पहले लगा था कि यह काम पांच साल में पूरा हो जाएगा। अब मेरी इच्छा है कि इन सभी परिवारों को एक साथ लाभ पहुंचाने के लिए अभी से कार्रवाई की जाए। इसके लिए मैंने अधिकारियों को निर्देश दे दिया है। जरूरत पड़ने पर दो लाख रुपये की सहायता राशि को थोड़ा और बढ़ाया जाएगा।

मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने महिला संवाद कार्यक्रम से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे गांव-गांव जाकर महिलाओं से संवाद करें और उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी दें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि जिन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्हें लाभ मिले। साथ ही लोगों की समस्याओं की जानकारी लें और उसका समाधान निकालें।


24 नवंबर 2005 को सत्ता में आने के बाद हम लगातार राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं। महिलाओं के साथ-साथ सभी वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। पहले की सरकारों ने राज्य के विकास के लिए कोई काम नहीं किया। हम अपनी यात्रा के दौरान लोगों से संवाद करते हैं और उनकी समस्याएं जानते हैं और उनका समाधान करते हैं। – नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री


