Bihar E-Riksha :ऑटो और ई-रिक्शा के लिए लाइसेंस किसी और के नाम से रहता है और चलाता कोई और है। कई बार चालक 14-15 साल के नाबालिग होते हैं। उन्हें ना तो ट्रैफिक नियमों की जानकारी होती है और ना ही सड़क पर चलते हुए सावधानी बरतते हैं। ऐसे नाबालिग ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

मई 2024 से इस वर्ष मई के बीच राज्य में 12,543 सड़क हादसे केवल नाबालिग ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के चलते हुए। इन हादसों में 634 लोगों की जान चली गई। परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा के तहत हाल में ही दुर्घटनाओं की समीक्षा की थी, जिसमें यह तथ्य सामने आए।

बीते एक वर्ष के दौरान राज्य के हर जिले में नाबालिग ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की वजह से हुई सड़क दुर्घटना की जानकारी संबंधित जिला परिवहन पदाधिकारी से ली गई। इनकी वजह से सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में सड़क की चौड़ाई कम होती है और रफ्तार पर नियंत्रण भी नहीं होता है। ऐसे में आएं दिन ऑटो या ई-रिक्शा के पलटने, धक्का लगने जैसी घटनाएं होती हैं। इनमें ज्यादा चालक नाबालिग होते हैं।


रात नौ बजे के बाद और सुबह चार से पांच के बीच अधिक दुर्घटनाएं
ऑटो और ई-रिक्शा चलाने में नाबालिग दिन में चालान कटने से डरते हैं, लेकिन शहरों में रात नौ और 10 बजे के बाद वे ऑटो और ई-रिक्शा चलाते समय किसी नियम का ध्यान नहीं रखते। यही स्थिति सुबह चार से पांच बजे के बीच की होती है। नाबालिग चालक ना तो यूटर्न का ख्याल रखते हैं और ना ही अगल-बगल देखकर गाड़ी चलाते हैं। इससे हादसे अधिक होते हैं।



