नमस्कार! आप देख रहे हैं समस्तीपुर टुडे, मैं हूँ आपका दिव्यांशु रॉय। आज की सबसे बड़ी खबर, बीपीएससी से नियुक्त कई शिक्षकों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शिक्षा विभाग के मुताबिक, अपने राज्य की महिलाओं और आरक्षित श्रेणी के लिए पांच प्रतिशत की शिक्षक अर्हता में छूट थी, जिसका फायदा दूसरे राज्य के लोगों ने भी उठा लिया है।
इस मसले पर बात करते हैं विस्तार से। शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर रहा है, और अब तक एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की पहचान हो चुकी है। इन पर जल्द ही कार्रवाई होने की संभावना है।
जिला शिक्षा विभाग के मुताबिक, उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बीपीएससी वाले शिक्षकों के शिक्षक अर्हता के अंक पत्र की जांच शुरू हो चुकी है। जिले में नियुक्त 124 शिक्षकों में से 84 ने अपना अंक पत्र जमा कर दिया है, जबकि 40 और शिक्षकों को जल्द से जल्द अपने अंकपत्र जमा करने का निर्देश दिया गया है।
डीपीओ संजय कुमार ने बताया कि अभी तक की जांच में लगभग एक दर्जन मामले सामने आए हैं, जिनमें दूसरे राज्य के लोग सीटेट में 55 प्रतिशत अंक लाकर भी बिहार में नौकरी पा गए हैं। जबकि यह रियायत केवल अपने राज्य के आरक्षित श्रेणी और सभी वर्ग की महिलाओं के लिए थी।
उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद राज्य स्तर पर समीक्षा की गई और सभी जिलों को जांच करने का निर्देश दिया गया। इसी क्रम में, जिले में भी जांच शुरू हो गई है। डीपीओ संजय कुमार ने बताया कि जांच के बाद रिपोर्ट दी जाएगी और विभागीय निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
विभागीय सूत्रों की मानें तो सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है, जिन्होंने इस नियम का फायदा उठाते हुए बीपीएससी पास कर शिक्षक की नौकरी पाई है। विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस प्रकार के मामलों की संख्या लगभग डेढ़ दर्जन हो सकती है।
इससे पहले भी सरकार के इस नियम का फायदा दूसरे राज्य के लोगों द्वारा उठाया गया है। अब विभाग के निर्देश पर एक बार फिर से सभी के अंकपत्र की जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। जांच के बाद कई लोग इसकी जद में आ सकते हैं।
तो ये थी आज की बड़ी खबर। आगे की कार्रवाई पर हमारी नजर बनी रहेगी और आपको अपडेट देते रहेंगे। जुड़े रहिए समस्तीपुर टुडे के साथ। धन्यवाद!