बिहार में जन्म और मृत्यु का प्रमाणपत्र डिजिटल रूप में मिलेगा। एक माह के अंदर यह उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बिहार जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 1999 के नियम 5 समेत अन्य धाराओं में संशोधन किया गया है। इसके बाद अब यह नियमावली बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025 कही जाएगी।

राज्यमंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गयी। नयी नियमावली के आधार पर लोगों को डिजिटल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इसे वे अपने डिजी लॉकर में भी सहजता से रख सकेंगे।

इसे कभी भी उसी रूप में किसी के सामने पेश किया जा सकेगा। इससे दस्तावेज लेकर चलने से भी राहत मिलेगी। डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि नयी नियमावली में किसी व्यक्ति का नाम जिस क्रम में आता है उसका पहला नाम, मध्य नाम और अंतिम नाम फार्मेट में दिया जायेगा।

इसके बाद दिन और माह को दो अंकों में और वर्ष को चार अंकों में दर्ज किया जायेगा। इसके बाद राज्य क्षेत्र का नाम, जिला, उप जिला, शहर या गांव, वार्ड संख्या, मोहल्ला, मकान संख्या और पिनकोड दर्ज होगा।


पहले साल में किसी भी प्रविष्टि की खोज के लिए 20 रुपये, प्रत्येक अतिरिक्त वर्ष के लिए 20 रुपये, हर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र देने के लिए 50 रुपये और जन्म और मृत्यु का अनुपलब्धता प्रमाण पत्र के लिए 20 रुपये शुल्क देना होगा।


