बिहार विधानसभा चुनाव में एक बूथ पर 1200 मतदाता होंगे। करीब 96 हजार मतदान केंद्रों के गठन की तैयारी की जा रही है । निर्वाचन विभाग के अनुसार किसी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता होने की स्थिति में सहायक मतदान केंद्र बनेगा। यह मतदान के पूर्व तैयार होने वाली अंतिम मतदाता सूची के आधार पर तय होगा।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी की ओर से बूथों के गठन करने के बाद बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) द्वारा उसकी समीक्षा कर चुनाव आयोग को अनुशंसा भेजी जाएगी। सीईओ की बूथवार समीक्षा कर अंतिम निर्णय चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा।

चुनाव आयोग के निर्देशानुसार एवं बिहार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद बूथों के गठन को लेकर स्थल एवं भवनों के निरीक्षण एवं आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इनमें सभी बूथों के समीप पहुंच पथ का निर्माण, बिजली, पेयजल, शौचालय, छायादार स्थल सहित अन्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। सभी जिलों में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी की निगरानी में इसे पूरा किया जा रहा है। इन सभी बूथों पर मॉडल -3 ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराए जाएंगे ।

कोरोना काल में एक लाख से अधिक बूथ बने थे : बिहार में कोरोना के दौरान संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 के दौरान मतदान के लिए कुल एक लाख 06 हजार 342 बूथों का गठन किया गया था। कोरोना काल के दौरान देश में पहली बार बिहार में हुए इस चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के निर्देश पर मतदान के दौरान मतदाताओं के बीच मास्क के इस्तेमाल, आपस में दूरी बनाए रखने सहित कई प्रावधान किए गए थे। एक हजार मतदाताओं पर एक बूथ का गठन किया गया था। जबकि, कोरोना काल के बाद संपन्न हुए लोकसभा चुनाव, 2024 के दौरान राज्य में कुल 77,462 बूथ बनाये गए थे।


इनमें 77,392 मतदान केंद्र एवं 70 सहायक मतदान केंद्र थे। इस लोकसभा चुनाव के दौरान प्रति 1500 मतदाताओं के लिए एक बूथ बनाए गए थे ।


