Vigilance Raid : बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। खासकर बिहार निगरानी विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में छापेमारी की गई। इस दौरान निगरानी विभाग ने एक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) और एक शिक्षक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

कमेटी गठन को लेकर वसूली: निगरानी विभाग की इस कार्रवाई से जिला शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और शिक्षकों में हड़कंप मच गया। सोमवार को बिहार निगरानी विभाग की टीम हिलसा के महंत विद्यानंदन इंटर कॉलेज में कमेटी गठन की कार्रवाई कर रही थी। इसी सिलसिले में शिक्षक संजय कुमार और डीपीओ अनिल कुमार ने एक व्यक्ति से 20 हजार रुपये की अवैध मांग की थी।

टीम ने रंगेहाथ पकड़ा: पीड़ित ने इस मामले की शिकायत निगरानी विभाग से की थी कि उससे पैसे मांगे जा रहे हैं। शिकायत के सत्यापन के बाद निगरानी टीम ने जाल बिछाया और सोमवार को जैसे ही आरोपी रिश्वत की रकम ले रहे थे, उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया गया।


दोनों को पटना ले गई टीम: गिरफ्तारी के बाद दोनों को पटना ले जाया गया है। जहां विजिलेंस थाने में पूछताछ की जाएगी। बताया जा रहा है कि रिश्वत की रकम डीपीओ की गाड़ी की सीट के नीचे से बरामद हुई है। रकम मिलने के बाद डीपीओ ने खुद को निर्दोष बताते हुए विजिलेंस टीम से जमकर बहस की। कई बार मिली थी शिकायत: गाड़ी में रकम मिलने के बाद विजिलेंस की टीम उसे जबरन अपने साथ ले गई थी। सूत्रों का कहना है कि डीपीओ और शिक्षक दोनों मिलकर काम के बदले वसूली का काम करते हैं। इससे पहले भी कई बार शिकायतें सामने आई थीं। इस बार विजिलेंस विभाग ने कार्रवाई की।

