बिहार को हर साल बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है, जिससे लाखों लोगों की जान-माल को खतरा होता है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए तीन प्रमुख नदियों पर नए बराज निर्माण की घोषणा की है। इस पहल से न केवल बाढ़ से राहत मिलेगी, बल्कि कृषि, सिंचाई और स्थानीय रोजगार के क्षेत्र में भी सुधार होगा।
प्रमुख नदियों पर बराज निर्माण की योजना:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन महत्वपूर्ण नदियों – महानंदा, बागमती और कमला – पर नए बराज बनाने का फैसला लिया गया।
- मधुबनी जिला: जयनगर में कमला नदी पर बने पुराने वीयर को बराज में बदलने का निर्णय लिया गया है।
- किशनगंज जिला: तैयबपुर में महानंदा नदी पर एक नया बराज बनाया जाएगा, जिसके लिए सरकार ने 20.15 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
- सीतामढ़ी जिला: ढेंग और कटौंझा के पास बागमती नदी पर दो नए बराज बनाए जाएंगे, जिनके लिए 25.37 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
बराज निर्माण से संभावित लाभ:
इन नए बराजों के निर्माण से कई फायदे होंगे:
- बाढ़ नियंत्रण: बराज बाढ़ के पानी को रोकने में मदद करेंगे, जिससे हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि और लाखों लोग सुरक्षित होंगे।
- सिंचाई के साधन: बराज में इकट्ठा हुआ पानी खेती के लिए उपयोगी होगा।
- पीने के पानी की सुविधा: बराज से पानी की आपूर्ति पीने के लिए की जा सकेगी।
- मछली पालन और रोजगार: बराज में मछली पालन से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
केंद्र सरकार की सहायता:
बिहार सरकार के इस प्रयास को केंद्र सरकार का भी समर्थन मिला है। केंद्र ने बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यह राशि राज्य के विकास और बाढ़ से निपटने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।