बलिराम भगत महाविद्यालय के परिसर में बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शन के केंद्र में महाविद्यालय की राजनीति विज्ञान विभाग की प्राध्यापिका और एनएसएस पदाधिकारी पर लगाए गए गंभीर आरोप थे, जिनमें कर्तव्यहीनता और विभागीय निर्देशों के उल्लंघन का मुद्दा प्रमुख रहा।
अभाविप के कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध जताते हुए आरोप लगाया कि राजनीति विज्ञान की प्राध्यापक न केवल अपने कर्तव्यों की अवहेलना कर रही हैं, बल्कि कॉलेज परिसर में असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देने में भी शामिल हैं। इन आरोपों के समर्थन में संगठन ने मंगलवार को प्रधानाचार्य को ज्ञापन सौंपा था। विरोध प्रदर्शन के दौरान, अभाविप ने यह भी कहा कि महाविद्यालय परिसर में असामाजिक गतिविधियों के लिए उक्त प्रोफेसर का नाम सामने आ रहा है, जो अपने प्रभाव का उपयोग छात्रों को गुमराह करने के लिए कर रही हैं। इसी दौरान, एक घटना में अभाविप के कार्यकर्ताओं के साथ कथित मारपीट का मामला सामने आया, जिसे संगठन ने सुनियोजित साजिश बताया।
धरना के दौरान अभाविप के विभाग संयोजक अनुपम कुमार झा ने कहा, “ऐसे कृत्य से न केवल प्रोफेसर की गरिमा धूमिल हुई है, बल्कि यह महाविद्यालय की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहा है।” उन्होंने मांग की कि विश्वविद्यालय प्रशासन तत्काल प्रभाव से इस प्राध्यापक को उनके पद से निलंबित करे या उनका स्थानांतरण सुनिश्चित करे। अभाविप के जिला सह संयोजक केशव माधव, जिला सोशल मीडिया संयोजक निक्कू आर्य, और प्रशांत झा ने भी धरना को संबोधित किया और छात्रों के अधिकारों के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता दोहराई।
इस बीच, महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने तत्काल कदम उठाते हुए एनएसएस पदाधिकारी के पद से प्रोफेसर शबनम कुमारी को हटाने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही, उन्होंने मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का लिखित आश्वासन भी दिया, जिसके बाद धरना समाप्त हुआ।