बिहार के शिक्षकों के लिए राहत की खबर है। राज्य सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत आने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। जल्द ही दो लाख से अधिक शिक्षकों के बैंक खातों में जुलाई माह का वेतन पहुंच जाएगा। इस कदम से शिक्षकों को वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता मिल सकेगी, जिससे वे अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन-पोषण कर सकेंगे।
बिहार के शिक्षा विभाग को वेतन भुगतान के लिए वित्त विभाग से सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो चुकी है। अब केवल राशि जारी होने का इंतजार है, जिसके बाद यह राशि जिलों को भेज दी जाएगी। जुलाई का वेतन अब तक जारी नहीं हुआ था, लेकिन इसे अगस्त में वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि शिक्षकों को बढ़े हुए वेतन के साथ भुगतान मिलेगा।
हालांकि, छठे चरण के नियोजित शिक्षकों के लिए उम्मीदें बढ़ गई हैं, क्योंकि उनकी प्रशिक्षण अवधि समाप्त हुए पांच माह हो चुके हैं, लेकिन उन्हें पूरा वेतन अब भी नहीं मिला है। शिक्षा विभाग इस मुद्दे पर काम कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। छठे चरण के शिक्षकों ने विभिन्न मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है और पूर्ण वेतन की मांग की है।
टीईटी प्राथमिक शिक्षक संघ की जहानाबाद जिला इकाई ने भी वेतन भुगतान में हो रही देरी को लेकर चिंता व्यक्त की है। संघ के जिला अध्यक्ष विनीत पांडेय ने बताया कि शिक्षक बेहतर तरीके से शिक्षा प्रदान तभी कर सकते हैं जब वे आत्म-संतुष्ट और वित्तीय रूप से सुरक्षित हों। विभाग की ओर से वेतन भुगतान में हो रही देरी ने कई समस्याएं पैदा कर दी हैं और शिक्षकों को मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।