समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर और मोहनपुर क्षेत्रों में गंगा नदी के जलस्तर में हो रही तेजी से वृद्धि ने ग्रामीणों के बीच चिंता की लहर पैदा कर दी है। गुरुवार को जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है और किसानों की फसलें खतरे में आ गई हैं।
गुरुवार की शाम को गंगा नदी का जलस्तर 45.78 सेंटीमीटर मापा गया, जो खतरे के निशान 45.50 सेंटीमीटर से 28 सेंटीमीटर ऊपर है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दलसिंहसराय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में जलस्तर में 33 सेंटीमीटर से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे निचले दियारा क्षेत्रों में पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है।
नदी के जलस्तर में हो रही इस निरंतर वृद्धि ने क्षेत्र के निवासियों और किसानों के बीच भय और आशंका का माहौल बना दिया है। जहां एक ओर किसान अपनी फसल की संभावित क्षति को लेकर चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर तटीय इलाकों के लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थलों की तलाश में जुट गए हैं। यह स्थिति समूचे इलाके में बाढ़ के खतरे को और बढ़ा रही है, जिससे लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं।
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण इस क्षेत्र में बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। लोगों के लिए सबसे बड़ी चिंता उनकी जान-माल की सुरक्षा के साथ-साथ खेतों में खड़ी फसलों की है। जलस्तर में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति को देखते हुए, प्रशासन को बाढ़ की रोकथाम और राहत कार्यों के लिए त्वरित कार्रवाई करनी होगी।