पटना के खुसरूपुर रेलवे से गायब हुए ग्रामीण विकास अधिकारी (RDO) दीपक कुमार पाठक एक होटल से बरामद हुए हैं। दीपक ने खुद ही अपहरण का ड्रामा रचा था। और परिवारवालों को फोन करके बताया था कि उनका अपहरण हो गया है। इस मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि पाटीदार (परिवार का ही सदस्य) को फंसाने के लिए बेगूसराय ग्रामीण विकास पदाधिकारी (आरडीओ) दीपक कुमार पाठक ने खुद के अपहरण का नाटक रचा था। परिजनों द्वारा घटना की सूचना मिलते ही रेल पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान से मामले की छानबीन की तो दीपक की लोकेशन बख्तियारपुर में मिली।
जिसके बाद बख्तियारपुर स्थित एक रेस्टोरेंट से आरडीओ को दबोच लिया गया। परिवार वालों ने खुसरूपुर जीआरपी और स्थानीय थाना को सूचना दी थी कि दीपक कुमार पाठक विभागीय ट्रेनिंग के लिए गया जा रहा था। परिजन सोमवार की सुबह खुद उसे हाथीदह स्टेशन पर पूर्णियां हटिया कोशी एक्सप्रेस में चढाने गए थे। खुसरुपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने पर अपराधियों ने हथियार के बल पर उसका अपहरण कर लिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही रेल पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया कि दीपक का अपहरण नहीं हुआ था। फिलहाल आरडीओ से पूछताछ की जा रही है।
इससे पहले आरडीओ दीपक कुमार कोसी एक्सप्रेस ट्रेन से बरौनी से गया जा रहे थे। बताया जा रहा था कि वो ट्रेनिंग में शामिल होने जा रहे हैं। तभी अचानक उनके अपहरण की सूचना परिजनों को खुद उन्होने दी थी।
आपको बता दें दीपक कुमार शादीशुदा हैं, उनके दो बच्चे हैं। इससे पहले लेखपाल के पद पर कार्यरत थे, फिर बीपीएससी से आरडीओ में उनका चयन हुआ। ट्रेनिंग में शामिल होने के लिए गया जा रहे थे। लेखपाल से आरडीओ बने दीपक कुमार के अचानक अपहरण की खबर मिलते प्रखंड प्रशासन में खलबली मच गई थी। सूचना पाकर प्रखंड के सभी विभागों के अधिकारी व कर्मी में हैरान दिखे और अपहृत दीपक का कुशलक्षेम जानने के लिए उनके स्वजनों से संपर्क करते रहे।
बीडीओ रामपुकार यादव, आवास पर्यवेक्षक तौसीफ इकबाल ने बताया कि 26 सितंबर 2022 को दीपक ने छौड़ाही पीएम आवास कोषांग में बतौर लेखापाल के रूप में अपना योगदान दिया। इसी क्रम में बीते 5 माह पूर्व बीपीएससी से उसका चयन ग्रामीण विकास अधिकारी के रूप में हुआ था।