समस्तीपुर में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले दो शिक्षकों को शिक्षक दिवस के मौके पर पटना में राज्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में उच्च विद्यालय दिया पूसा के के शिक्षक मुकेश कुमार मृदुल और दलसिंहसराय के कन्या मध्य विद्यालय कुसुमवती के हेड मास्टर रामानुराग झा को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। सम्मान पाने के बाद दोनों शिक्षक और उनके परिवार के लोग खुशी से फुले नहीं समा रहे हैं।

दिघरा पूसा उच्च माध्यमिक विद्यालय के हेड मास्टर मंडल राय ने बताया कि मुकेश कुमार मृदुल हिंदी के शिक्षक हैं। वह हिंदी साहित्य के शिक्षण को सहज और बच्चों के लिए आनंददायी बनाया । वह आनंदमयी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए और बच्चों को उत्साहित करने के लिए काफी चर्चित हैं। किशोरी शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाता है। इसके लिए वे लड़कियों से ‘किशोरी’ नाम के पत्र का प्रकाशन करवाते हैं।
बच्चों का मनोबल बढ़ाने और प्रेरित करने के लिए ‘दिघरा’ पत्रिका का भी प्रकाशन करते हैं। हिंदी शिक्षण में तकनीकी का इस्तेमाल करते हैं। जिससे हिंदी पढ़ने में भी बच्चों को कठिनाई नहीं होती, वह आसानी से अपने विषय को समझ जाते हैं।

अगर किसी कवि के बारे में पढ़ते हैं, तो छात्र में से ही एक को कवि का पात्र बनाते हैं और उसका चित्रण करते हैं। मुकेश के पढ़ाने की यह शैली काफी चर्चित है। इसकी चर्चा राज्य स्तर पर होती है। उन्होंने अपने क्लास रूम में देश के जाने-माने कवियों का चित्र लगाकर उनकी जीवनी लिखी है, जिससे बच्चों को पढ़ने में मजा आता है। इसके साथ ही उनका व्यवहार शिक्षक छात्र और पेरेंट्स के प्रति मृदु भाषी होता है।

इनके स्कूल में आने के बाद बच्चों की उपस्थिति बढ़ी। उनके साथ वह क्षेत्र में जाकर अभिभावकों से बातचीत कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया।

काम को सम्मान मिला है

राज्य वार्ड मिलने के बाद उनकी पत्नी मंजू मृदुल फुले नहीं समा रही। उन्होंने कहा कि उनके काम को सम्मान मिला है। वह बच्चों का पठन-पाठन किस तरह से बेहतर हो इसके लिए छुट्टी के समय में भी अगले दिन की प्लानिंग करते हैं। उनके बेटे दिवाकर दिव्यदर्शी पिता के सम्मान पर सरकार को धन्यवाद देते हैं। साथ ही कहते हैं कि शिक्षकों के सम्मान से ही शिक्षा का प्रसार और विस्तार हो सकता है।
कुसुमवती कन्या मध्य विद्यालय दलसिंहसराय के हेड मास्टर रामानुराग झा को भी शिक्षक दिवस के मौके पर पटना में राज्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने अपने स्कूल में शिक्षा की दशा और दिशा दोनों बदली है। जहां उनके आने के बाद स्कूल में बालिकाओं की संख्या बढ़ी है।

उनके पठन-पाठन काम बेहतर हुए शिक्षक और अभिभावकों के संवाद भी बेहतर बना। स्कूल के क्लास रूम को उनके सूजन से ट्रेन की बोगी का लुक दिया गया, जिससे दूर से लगता है कि विद्यार्थी ट्रेन की बोगी में सवार हो रहे हैं। क्लास खत्म होने के बाद ट्रेन की बोगी से बाहर निकल रहे हैं, यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।

