समस्तीपुर के सदर अस्पताल में लावारिस शवों की देखरेख में लापरवाही और खराब व्यवस्थाओं के कारण गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। शवों के सड़ने और कीड़े पनपने से पोस्टमार्टम हाउस में दुर्गंध फैल रही है, जिससे डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को काम करने में दिक्कत हो रही है।
समस्तीपुर सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में हालात बेहद चिंताजनक हो चुके हैं। यहां केवल एक ही डिप फ्रिज की उपलब्धता है, जिसमें अधिकतम एक शव को 72 घंटे तक सुरक्षित रखा जा सकता है। लेकिन, पिछले कुछ दिनों में यहां पांच लावारिस शव आए हैं, जिससे शवों को बाहर कमरे में रखने की नौबत आ गई है। इस गर्मी के मौसम में शव तेजी से डिकंपोज हो रहे हैं, जिसके कारण उनमें कीड़े पनप रहे हैं और यह कीड़े पूरे पोस्टमार्टम हाउस में फैल जाते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि इस स्थिति में पोस्टमार्टम करना बेहद कठिन हो गया है, लेकिन फिर भी मजबूरी में यह काम करना पड़ता है। बदबू और कीड़ों के कारण पोस्टमार्टम हाउस में काम करना लगभग असंभव हो गया है, और लोग इस रास्ते से गुजरने से भी कतराने लगे हैं।
सिविल सर्जन डॉक्टर एसके चौधरी ने बताया कि पुलिस के नियमों के अनुसार, किसी भी अज्ञात शव को 72 घंटे तक सुरक्षित रखना आवश्यक है ताकि पहचान होने पर परिजनों को शव सौंपा जा सके। लेकिन अस्पताल में पर्याप्त सुविधाओं की कमी के कारण यह प्रक्रिया अब गंभीर समस्याओं का कारण बन गई है। पोस्टमार्टम हाउस में रेफ्रिजरेटर न होने के कारण शव बाहर रखे जाते हैं, जिससे वे जल्दी खराब हो जाते हैं।
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