बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, जिले की पुलिस व्यवस्था भी सक्रिय होती जा रही है। कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ और चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने के लिए समस्तीपुर पुलिस ने व्यापक रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। अब जिले में चलाया जाएगा ‘ऑपरेशन जिला बदर’, जिसके तहत अपराधियों की नकेल कसने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

पुलिस प्रशासन की ओर से जिले में वर्षों से जमे पुलिस अधिकारियों का तबादला हाल ही में किया गया है, जिससे कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण की प्रक्रिया को नई धार मिली है। अब अगला कदम है—कुख्यात अपराधियों की पहचान कर उन्हें जिले से बाहर करना।

सदर-1 अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सह एएसपी संजय कुमार पांडेय ने बताया कि सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में सक्रिय अपराधियों की सूची तैयार करें और उनका गुंडा पंजी (क्रिमिनल रिकॉर्ड रजिस्टर) अपडेट करें।

इसके साथ ही सीसीए (Crime Control Act) के तहत चिन्हित अपराधियों को जिला बदर करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। इसके जरिए संदिग्ध और आदतन अपराधियों को जिले की सीमा से बाहर भेजा जाएगा, ताकि वे चुनाव के दौरान किसी गड़बड़ी को अंजाम न दे सकें।

क्या है ‘गुंडा परेड’?
पुलिस अब ‘गुंडा परेड’ की भी योजना बना रही है, जिसके अंतर्गत थाने में चिन्हित असामाजिक तत्वों को बुलाकर उनकी गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी। उन्हें चेतावनी दी जाएगी कि यदि दोबारा आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


जेल से छूटे अपराधियों पर भी नजर
पुलिस प्रशासन उन बदमाशों की गतिविधियों पर भी निगरानी कर रहा है जो हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं। स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि इनकी दोबारा सक्रियता को समय रहते रोका जा सके।

