Samastipur News : समस्तीपुर में 70वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर डीवाईएफआई कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को शहर में विरोध मार्च निकाला। यह विरोध मार्च संघ कार्यालय से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए जिला समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
इस दौरान पूरे रास्ते प्रदर्शनकारियों ने हाथों में झंडा बैनर लेकर नितीश सरकार और बीपीएससी अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन के दौरान जिला समाहरणालय के सामने यातायात पूरी तरह ठप हो गया। वाहनों की लंबी कतारों और जाम के कारण लगभग दो घंटे तक शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई। वहीं इस प्रदर्शन को लेकर समाहरणालय के पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
इसके बाद पुरानी बस स्टैंड परिसर में एक आमसभा की गई। जिसमें 70वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द करने और पटना में आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन मामले में दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला सचिव उमेश कुमार शर्मा ने की।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बिहार में पेपर लीक नियम बन गया है। भाजपा-जदयू की सरकार कोई भी परीक्षा आयोजित करवाने में सक्षम नहीं है। शिक्षा माफियाओं का मनोबल सातवें आसमान पर है।
इस अवसर पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए सुबोध कुमार, अशोक पुष्पम, अनिल कुमार, संजय कुमार, रंजीत कुमार, रमेश कुमार आदि कार्यकर्ताओं ने कहा कि संवैधानिक तरीके से बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना में आंदोलन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया। कड़ाके की ठंड में उन पर वाटर कैनन किया गया, जिसमें एक छात्र की मौत भी हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने कहा सरकार को अविलंब परीक्षा रद्द कर नई परीक्षा की तिथि घोषित करनी चाहिए। मृतक छात्र को उचित मुआवजा मिलना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि लगातार आंदोलन के बावजूद सरकार गहरी नींद में सोई हुई है। जिसके कारण पूरे बिहार में छात्र आंदोलन कर रहे हैं। अगर सरकार जल्द ही छात्रों की मांगें नहीं मानती है तो आंदोलन और उग्र होगा।