Samastipur News : समस्तीपुर के विभूतिपुर से एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा मरीज की जीभ काटने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसके बाद युवक को गंभीर हालत में बेगूसराय के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पीड़ित मरीज की पहचान विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर वार्ड-4 निवासी सत्यनारायण पासवान (40) के रूप में हुई है। जिस अस्पताल में मरीज की जीभ काटी गई उसका नाम वैष्णवी हॉस्पिटल बताया जा रहा है।

इस मामले में मरीज के परिजनों का आरोप है कि मरीज को किडनी के इलाज के लिए विभूतिपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां अगले दिन डॉक्टरों ने मरीज की जीभ काट दी और उसके मुंह पर टेप और पट्टी बांधकर सारे कागजात लेकर उसे वापस घर भेज दिया।

जब मुंह से खून निकलने का कारण पूछा गया तो डॉक्टर ने कहा कि ‘उसकी दोनों किडनी फट गई है, इसलिए उसके मुंह से खून निकल रहा है, अब वह कुछ दिनों का मेहमान है। इसलिए उसे घर ले जाओ। ‘


वहीं पीड़ित के छोटे भाई भरत पासवान ने बताया कि उनके बड़े भाई सत्यनारायण कुछ दिनों से किडनी की समस्या से ग्रसित हैं। उन्हें इलाज के लिए 25 फरवरी को विभूतिपुर स्थित उक्त निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उनके भाई की जीभ कट गई। जिसके बाद डॉक्टरों ने उनके मुंह पर टेप लगा दिया और बताया कि दोनों किडनी फट गई है। डॉक्टरों ने कहा कि वे उनके मुंह से टेप नहीं हटाएंगे और कहा कि अब वे कुछ दिनों के ही मेहमान हैं। उन्हें घर ले जाएं। इसके बाद अस्पताल संचालक ने उनसे इलाज से संबंधित सभी कागजात भी ले लिए।

बेगूसराय ले जाने पर हुआ खुलासा:
इसके बाद परिजन सत्यनारायण को बेगूसराय स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनकी जीभ कटी हुई है। जबकि दोनों किडनी ठीक हैं। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
इस बीच वैष्णवी अस्पताल के प्रबंधक मनीष झा ने कहा, ‘मुझे मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी मिली है। कि मेरे अस्पताल के एक डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक मरीज की जीभ कट गई है, जबकि मेरी जानकारी के अनुसार सत्यनारायण पासवान नाम का कोई मरीज मेरे पास नहीं आया है। ऐसा लगता है कि इसके पीछे कोई साजिश है।
मरीज़ दिल्ली में मजदूरी करता है:
भरत ने आगे कहा, ‘मेरा भाई दिल्ली में मजदूरी करता है। उसके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। अक्टूबर में उसकी तबीयत खराब हुई तो वह घर आ गया। यहां इलाज के दौरान पता चला कि किडनी में दिक्कत है। फिर नवंबर में हम सत्यनारायण को लेकर पटना आ गए। यहां दो-तीन महीने तक इलाज चला और फिर डॉक्टर ने कहा कि आप लोग मरीज को घर ले जाएं और डायलिसिस कराते रहें।’
दूसरी ओर, इस मामले में समस्तीपुर के सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जहां तक मरीज की जीभ कटने की बात है तो मुझे लगता है कि जब डायलिसिस के मरीज की तबीयत खराब होने लगती है तो उसकी एंडोस्कोपी कराई जाती है। इस दौरान जीव कट गया होगा, जीभ कटने पर उसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज की मौत भी हो सकती है। मामला गंभीर है, इसमें डॉक्टर की लापरवाही नजर आ रही है। अभी तक घटना की कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर अस्पताल की जांच की जाएगी।