Samastipur Nagar Nigam : समस्तीपुर नगर निगम में करीब दो माह से बोर्ड की बैठक नहीं हो रही हैं। बैठक नहीं होने से नाराज विभिन्न वार्ड के पार्षदों ने नगर आयुक्त के पास एक मांग पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने एक सप्ताह के अंदर बैठक बुलाने की मांग रखी है। इस पत्र में वार्ड पार्षद कमलेश कमल, शिव शम्भू कुमार, अनिता देवी, रंजना राज, अनिल कुमार गुप्ता, चंदन कुमार, सोनी कुमारी, दिनेश कुमार, अर्चना कुमारी, पूनम देवी, राफिया जबीन समेत 20 पार्षदों के दस्तखत है।

पार्षदों का कहना है कि बोर्ड के गठन के बाद से बोर्ड की बैठक कभी भी समय पर नहीं हुई। पिछली बैठक अप्रैल 2025 में बुलाई गई थी। उसके बाद से बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई गई है। यह नगरपालिका एक्ट का उल्लंघन है। उन्होंने नगर निगम के सामान्य बोर्ड की अनियमित तरीके से बैठक होने पर अपनी आपत्ति की है। अनियमित तरीक़े से बोर्ड की बैठक करने को लेकर निगम के 20 वार्ड पार्षदों ने सवाल उठाते हुए नगर आयुक्त को पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने नगर आयुक्त से जल्द बोर्ड की बैठक बुलाने की मांग की है, अन्यथा वे लोग हाई कोर्ट चले जाएंगे।

उन्होंने बताया कि नगरपालिका एक्ट के मुताबिक अपने कार्य संचालन के लिए नगर निगम को हर महीने कम से कम एक बार बैठक होनी चाहिए। परन्तु समस्तीपुर में पिछले दो माह से बोर्ड की बैठक नहीं हो रही है। पार्षदों ने नगर आयुक्त से कहा है कि अप्रैल 2025 की बैठक के बाद आगे कोई बैठक नहीं बुलाई गई है, जिससे नगर निगम के कार्य मे कोई प्रगति नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा कि मानसून सिर पर है और शहर में जल जमाव मुख्य समस्या है। बोर्ड की बैठक नहीं होने से वार्ड में व्याप्त मूलभूत समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि बोर्ड की सहमति से ही जनता की समस्याओं का निराकरण होता है, जब बैठक ही नहीं होगी, तो पार्षद अपनी बातों को कहां रखेंगे। पार्षदों ने अपने पत्र के साथ बैठक से संबंधित नगरपालिका एक्ट के उल्लिखित पन्ने की प्रति भी संलग्न की है।

वहीं इस संबंध में मेयर अनिता राम ने कहा कि जून में नगर आयुक्त का तबादला होने से नगर निगम का कामकाज अस्त व्यस्त रहा। पूर्णकालिक नगर आयुक्त अभी तक नगर निगम में नहीं आए हैं। पूर्व नगर आयुक्त के समय से ही स्थिति अस्त व्यस्त है। नगर प्रबंधक बीमारी के कारण छुट्टी में चले गए हैं। कार्यपालक अभियंता का तबादला भी हो गया है। नॉर्मल स्थिति आने के बाद बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी। अन्य नगर निगमों में भी तो समय पर बोर्ड की बैठक नहीं होती। यहां के कुछ वार्ड पार्षद अधिक परेशान हैं।


जबकि उप नगर आयुक्त विभूति कुमार ने कहा कि नगर निगम बोर्ड की बैठक बुलाना मेयर का काम है। उनके निर्देश पर बैठक की तिथि निर्धारित कर बैठक बुलाने का पत्र जारी किया जाता है। बोर्ड की बैठक तो नियमित होनी ही चाहिए। यही प्रावधान है।

