Bihar

Raxaul-Haldia Six-lane Expressway : समस्तीपुर से होकर गुजरेगी रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे, बिहार-नेपाल के लोगों को होगा लाभ.

Photo of author
By Samastipur Today Desk


Raxaul-Haldia Six-lane Expressway : समस्तीपुर से होकर गुजरेगी रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे, बिहार-नेपाल के लोगों को होगा लाभ.

 

Raxaul-Haldia Six-lane Expressway : बिहार को एक और महत्वपूर्ण सड़क परियोजना की सौगात मिली है। यह परियोजना है गोरखपुर-सिलीगुड़ी सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जो राज्य के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह एक्सप्रेसवे न केवल व्यापार और कृषि को गति देगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। इसका लाभ बिहार के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल को भी मिलेगा।

 

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे को भी मिली मंजूरी :

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने रक्सौल से हल्दिया तक बनने वाले छह लेन एक्सप्रेसवे के मार्ग (अलाइनमेंट) को भी मंजूरी दे दी है। यह निर्णय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अलाइनमेंट अप्रूवल कमेटी द्वारा लिया गया है। यह एक्सप्रेसवे बिहार के 11 जिलों से होकर गुजरेगा और इसकी कुल लंबाई 585.350 किलोमीटर होगी।

किन जिलों से गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे?

यह हाईवे भारत-नेपाल सीमा के रक्सौल से शुरू होकर मोतिहारी, शिवहर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, बांका और मुंगेर होते हुए देवघर, दुमका, आसनसोल-दुर्गापुर से गुजरता हुआ हल्दिया (पश्चिम बंगाल) तक पहुंचेगा। यह मार्ग न केवल भारत और नेपाल के बीच की दूरी को कम करेगा बल्कि बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को भी तेज और सुगम कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू :

इस परियोजना के लिए 60 मीटर चौड़ाई में कुल 4886 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बुधवार को प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक में बताया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी, जिससे निर्माण कार्य जल्द ही गति पकड़ सके।

 सिर्फ 11 घंटे में रक्सौल से हल्दिया तक का सफर :

फिलहाल रक्सौल से हल्दिया तक की यात्रा में जीटी रोड और पटना-सीतामढ़ी मार्ग के जरिए लगभग 20 घंटे लगते हैं। लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यही दूरी महज 11 घंटे में तय की जा सकेगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि मालवाहन तेज़ होगा और भारत-नेपाल के बीच का व्यापार नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। साथ ही बिहार, झारखंड और बंगाल के व्यवसायियों को भी बड़ी राहत मिलेगी।