समस्तीपुर जिले में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मियावांकी पद्धति से वृक्षारोपण की योजना बनाई गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1247279 पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है, जो जिले के हरे-भरे भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
समाहरणालय सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में समस्तीपुर के जिलाधिकारी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पौधारोपण की समीक्षा की। इस बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया और मियावांकी पद्धति से वनीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया। इस पद्धति के तहत कुल 66 स्थलों का चयन किया गया है, जहां पौधारोपण किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को पौधों की आपूर्ति के लिए मानक के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि पौधों की उत्तरजीविता बेहतर हो सके। उन्होंने वन प्रमंडल पदाधिकारी को पौधों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। इसके अलावा, शिथिल प्रगति करने वाले पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया और पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने का कार्य अविलंब प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया।
मियावांकी पद्धति की खासियत यह है कि यह प्राकृतिक वनों के पुनर्निर्माण में सहायक होती है, जिससे वनस्पति की घनी वृद्धि होती है। इस पद्धति से वृक्षारोपण के लिए सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को 3 जुलाई तक कम से कम एक पंचायत में पौधारोपण करने का निर्देश दिया गया है। पौधों की आपूर्ति पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, जीविका के दीदी की नर्सरी और अन्य आपूर्तिकर्ताओं द्वारा की जाएगी।
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