समस्तीपुर के मोहिउद्दीन नगर के अंदौर गांव में सोमवार की सुबह एक अद्भुत घटना घटी, जिसने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। किसान परमानंद प्रसाद और उनकी पत्नी सुशीला देवी की मृत्यु के बाद गांव में शोक के साथ-साथ प्रेम की एक अनूठी मिसाल कायम हुई।
सुबह के वक्त हुआ दुखदायी हादसा
सोमवार की सुबह करीब 4 बजे, 75 वर्षीय परमानंद प्रसाद का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी पत्नी, 70 वर्षीय सुशीला देवी, जो दिन-रात उनकी सेवा करती थीं, पति की मृत्यु का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं। करीब दो घंटे बाद, सुबह 6 बजे, सुशीला देवी की भी मृत्यु हो गई। इस घटना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई और लोग भारी संख्या में उनके घर पर जुट गए।
अटूट प्रेम की मिसाल
गांव के लोग इस दंपती के अटूट प्रेम की चर्चा कर रहे हैं। दोनों ने अपने जीवन में एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा किया था और मृत्यु के समय भी उस वादे को पूरा किया। सुशीला देवी ने अपने पति की देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ी और उनकी मृत्यु के बाद खुद भी दुनिया छोड़ दीं। यह घटना लोगों के लिए प्रेम और समर्पण की अनूठी मिसाल बन गई है।
एक साथ अंतिम संस्कार
परिवार और ग्रामीणों ने इस दंपती के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है। उनकी इकलौती संतान, शिक्षक शंभू कुमार, गाजे-बाजे के साथ अपने माता-पिता की अंतिम विदाई की तैयारी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह दंपती भाग्यशाली थे, जिन्होंने जीवन और मृत्यु दोनों में एक-दूसरे का साथ निभाया।
गांव में पूरे धूम-धाम से इस दंपती का अंतिम संस्कार किया जाएगा। सोमवार देर शाम तक उनके संबंधी और गांव के लोग एकत्रित होंगे और फिर उनकी विदाई की जाएगी।