आज के दौर में जहां अपराध की असली वजहें अकसर चौकाती हैं, वहीं बिहार में एक युवक ने पैसों की लालच में अपनी ही ‘गायब होने की पटकथा’ रच डाली। समस्तीपुर जिले के एक युवक ने कार खरीदने के लिए एक ऐसा नाटक तैयार किया, जो असल अपहरण से भी ज्यादा फिल्मी लगने लगा। हालांकि, पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच ने इस झूठ की परतें जल्द ही उधेड़ दीं।

घटना भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र की है। समस्तीपुर के सिहुली गांव निवासी गोविंद कुमार, जो खानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, ने अपने दोस्त के साथ मिलकर खुद के अपहरण की साजिश रची। योजना के अनुसार, दोस्त रजनीश तिवारी (निवासी परमानपुर, रोहतास) ने अपहर्ता की भूमिका निभाई।

दोनों ने मिलकर एक फर्जी वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें गोविंद को बंधक बना कर पीटा जाता दिखाया गया। यही वीडियो परिजनों को भेजा गया और फिरौती के रूप में ₹60,000 की मांग की गई। यह कॉल गोविंद के मोबाइल से ही की गई थी, जिससे परिवार को सब कुछ असली लगा।

लेकिन मामला संदिग्ध लगने पर गड़हनी पुलिस ने थानाध्यक्ष कमलजीत सिंह के नेतृत्व में तकनीकी निगरानी शुरू की। मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स के आधार पर दोनों आरोपियों को पीरो के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।


पुलिस पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। गोविंद ने बताया कि वह चारपहिया वाहन खरीदना चाहता था, लेकिन परिवार से पैसे मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी। इसलिए उसने खुद का फर्जी अपहरण कर परिजनों से पैसे निकलवाने की योजना बनाई।


