समस्तीपुर जिले में अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस गश्ती को और प्रभावी बनाने के लिए डायल 112 इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम में बड़े सुधार किए जा रहे हैं। इन सुधारों से गश्ती वाहनों की निगरानी, रिपोर्टिंग और आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण में तेजी आने की उम्मीद है।
समस्तीपुर में डायल 112 सेवा के अंतर्गत कुल 35 गश्ती वाहन और 5 बुलेट बाइकें उपलब्ध हैं, जिन्हें विशेष रूप से संकरी गलियों में तैनात किया गया है ताकि हर इलाके में पुलिस की पहुंच सुनिश्चित हो सके। गश्ती वाहनों की मूवमेंट पर नज़र रखने के लिए मुख्यालय की ओर से विशेष निर्देश जारी किए गए हैं, और अब जिला स्तर पर एसपी की निगरानी में इनके संचालन की योजना बनाई गई है। इसके लिए सभी थानों को टैबलेट भी दिए गए हैं, जिनसे डायल 112 की गतिविधियों को देखा और रिपोर्ट किया जा सकेगा। साथ ही, एसपी कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी यह तकनीक मौजूद होगी ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
जिले में सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए जियो-फेंसिंग तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त सुनिश्चित की जा सकेगी। इस तकनीक की मदद से दिन और रात में विशेष सुरक्षा उपायों के तहत गश्त को व्यवस्थित किया जा सकेगा, खासकर अपराध संभावित स्थानों, स्कूलों और कॉलेजों के पास।
इसके अलावा, गश्ती वाहनों से पकड़े गए आरोपियों की जानकारी संबंधित थानाध्यक्षों को टैबलेट पर तुरंत भेजी जाएगी, ताकि रिपोर्टिंग में किसी प्रकार की देरी न हो। एसपी कार्यालय के अनुसार, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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