समस्तीपुर में न्यायालय कर्मियों की अनिश्चितकालीन ह़डताल ने दूसरे दिन भी शहर का ध्यान अपनी ओर खींचा। चार सूत्री मांगों को लेकर शुरू हुई यह ह़डताल न केवल न्यायालय परिसर तक सीमित रही।
न्यायालय कर्मियों की यह ह़डताल उनकी चार प्रमुख मांगों की पूर्ति की दिशा में की जा रही है। दूसरे दिन, कर्मियों ने कोर्ट परिसर से एक जुलूस निकालकर पूरे शहर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए नारेबाजी की गई।
इस ह़डताल का प्रभाव केवल कोर्ट परिसर तक सीमित नहीं रहा। दलसिंहसराय व्यवहार न्यायालय में भी दैनिक न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप हो गया। वादियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि निर्धारित तिथि पर सुनवाई के लिए आए पक्षकारों को बिना सुनवाई लौटना पड़ा। हालांकि, एडीजे और अन्य न्यायिक पदाधिकारी कोर्ट में उपस्थित थे, लेकिन कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण कार्य प्रभावित हुआ।
ह़डताल में भाग लेने वाले प्रमुख कर्मियों में प्रसाद, विकास कुमार, शम्भूनाथ तिवारी, मुन्ना, तारकेश्वर प्रसाद और प्रकाश रंजन का नेतृत्व उल्लेखनीय रहा। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें लंबे समय से अनदेखी की जा रही हैं, जिससे उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।
शहर के लोगों में इस ह़डताल को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई। कुछ लोग कर्मियों की मांगों को जायज़ मानते हैं, जबकि अन्य इसे न्यायिक प्रक्रिया में बाधा के रूप में देखते हैं।