Samastipur : समस्तीपुर में बंगाली संस्कृति से 91 सालों से मां की आराधना.

समस्तीपुर के बहादुरपुर स्थित दुर्गा बाड़ी में पिछले 91 सालों से बंगाली समाज द्वारा दुर्गा पूजा का आयोजन होता आ रहा है। यहां न सिर्फ दुर्गा माता की आराधना की जाती है बल्कि बच्चों के लिए विशेष शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है, जिससे पूजा का उत्साह दोगुना हो जाता है।

   

दुर्गा बाड़ी बंगाली हिंदू थीएट्रिकल कल्चरल ट्रस्ट के सचिव राणा सरकार ने बताया कि यह पूजा बंगाली परंपराओं और विधियों के अनुसार संपन्न होती है। षष्टि की रात में मां दुर्गा के दर्शन के लिए पट खोले जाते हैं, और इसके बाद पूजा प्रारंभ होती है। इस दौरान बच्चों के लिए चित्रकला, शंख वादन, रंगोली, डांडिया, नृत्य, जलेबी रेस और मैजिक शो जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

इन प्रतियोगिताओं में विजेता बच्चों को दशमी के दिन, विसर्जन से पहले, पुरस्कृत किया जाता है। इस वर्ष पुरुलिया की एक टीम भी नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आ रही है, जो इस आयोजन को और भी खास बनाएगी। इसके अतिरिक्त, हर साल बंगाल से ढाक वादक को बुलाया जाता है जो पूजा के दौरान मुख्य आकर्षण का केंद्र रहते हैं। इस वर्ष भी दो ढाक वादकों को आमंत्रित किया गया है।

 

दुर्गा बाड़ी में पूजा का आयोजन न्यूनतम खर्च में किया जाता है। इस साल भी पूजा समिति ने 4 से 5 लाख रुपए के बजट में पूजा को संपन्न करने की योजना बनाई है। नवमी के दिन भोग वितरण का आयोजन होगा, जो स्थानीय और बाहर से आए भक्तों के लिए एक विशेष आकर्षण रहेगा।

   

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