Samastipur News : समस्तीपुर के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash Case) की मां अंजू मोदी अपने 4 साल के पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। उन्होंने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक की सरकारों को स्थिति स्पष्ट करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।
अंजू मोदी की याचिका में दावा किया गया है कि न तो अतुल की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया और न ही उनके परिवार के सदस्य (जो फिलहाल हिरासत में हैं) बच्चे के ठिकाने के बारे में बता रहे हैं। निकिता ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि बच्चा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में नामांकित है और अपने चाचा सुशील सिंघानिया की देखरेख में है। हालांकि, सुशील ने बच्चे के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है।
याचिका के अनुसार, अंजू मोदी का कहना है कि सिंघानिया परिवार ने बच्चे को खोजने के प्रयासों में बाधा डाली है। सुभाष के पिता पवन कुमार ने भी सार्वजनिक रूप से बच्चे की कस्टडी की मांग की है। 8 दिसंबर को आत्महत्या करने वाले अतुल ने एक वीडियो और लिखित नोट छोड़ा है, जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न और झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया है।
मुझे अपने पोते के लिए डर लग रहा है- पवन मोदी:
अतुल के पिता पवन मोदी ने कहा- ‘मैं हमारे भारत की न्याय व्यवस्था पर कोई सवाल नहीं उठा रहा हूं। हमारी न्याय व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन इसका दुरुपयोग भी हो रहा है। मैं उस पोते का दादा हूं, जिसका अब तक कोई अता-पता नहीं चल पाया है। जिसका चेहरा मैंने आज तक कभी प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा। मुझे डर है कि अगर वह अपराधी किस्म के लोगों के साथ रहा तो कहीं उसे भी अपराधी न कह दिया जाए।’
अतुल की मां अंजू मोदी ने कहा- मैं पहले सब कुछ बर्दाश्त कर लेती थी, लेकिन अब मेरी एक ही इच्छा है कि मैं अपने पोते को अपने सामने देखूं। व्योम को याद करते हुए उसकी दादी की आंखें भर आती हैं। रोते हुए अंजू कहती हैं- ‘मेरा पोता मेरा दूसरा अतुल सुभाष होगा। मैं अपने पोते के सहारे जीऊंगी। कोई मेरे पोते को वापस ला दे।’ अभी तक व्योम का कोई पता नहीं चल पाया है। वह कहां है, किसके साथ है। पुलिस भी लगातार उसकी जांच कर रही है।