कभी-कभी इंसानियत की मिसाल ऐसे घटनाओं में देखने को मिलती है जो दिल को छू जाती है। सहरसा जिले में एक लापता बुजुर्ग महिला को चार दिन बाद उनके परिवार से मिलवाने में रोटी बैंक और स्थानीय ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई।

समस्तीपुर जिले के जितवारपुर मुशहरी पोखरी गांव में बीते चार दिनों से एक बुजुर्ग महिला रह रही थीं, जो न बोल पा रही थीं और न ही अपना नाम बता रही थीं। सिर्फ इतना कहती थीं कि वे ‘सहरसा’ से हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने उनकी सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी—खाना, ठिकाना और सुरक्षा सब कुछ उपलब्ध कराया।

कल शाम इस मामले की जानकारी रोटी बैंक समस्तीपुर को मिली। संस्थापक राकेश कुमार और सहयोगी सुनील ने तत्काल इस मामले में सक्रियता दिखाई। बरहटटा थाना, सहरसा की मदद से महिला के परिजनों का पता लगाया गया, जो पिछले कुछ दिनों से रिश्तेदारों के यहां उन्हें ढूंढ रहे थे।


परिजनों को देर रात 9 बजे सूचना दी गई और सहरसा से करीब 40 किलोमीटर दूर उनके गांव के बारे में पुष्टि हुई। तत्काल व्यवस्था कर बुजुर्ग महिला को खाना खिलाकर ट्रेन से सहरसा रवाना किया गया, जहां उनके परिवारजन उनका इंतजार कर रहे थे।



