नवरात्रि के अंतिम दिन शुक्रवार को शहर भर में विभिन्न मंदिरों और मोहल्लों में कन्या भोज व भंडारे का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचकर कन्या पूजन के साथ प्रसाद ग्रहण किया। रेलवे कॉलोनी स्थित दुर्गा मंदिर, शिव दुर्गा मंदिर, पुरानी दुर्गा स्थान मंदिर समेत कई स्थानों पर कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया गया। कन्याओं को दक्षिणा और उपहार देकर विदा किया गया, साथ ही उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया गया।
शहर के विभिन्न मंदिरों के अलावा, जिन घरों में कलश स्थापना की गई थी, वहां भी कन्या भोज का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने भंडारे में बड़ी संख्या में भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया।
कन्या पूजन से जुड़ी पौराणिक मान्यता के अनुसार, इंद्रदेव ने ब्रह्मा जी के निर्देश पर देवी मां को प्रसन्न करने के लिए कुंवारी कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया था। इस सेवा भाव से माता प्रसन्न होकर इंद्रदेव को आशीर्वाद दिया था, और तभी से यह परंपरा चली आ रही है।