शुद्ध पेयजल हर घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई “हर घर नल-जल” योजना शिवाजीनगर प्रखंड के भटौरा पंचायत के श्रीरामपुर गांव के लिए अब भी सपना बनी हुई है। जहां एक ओर मौलापुर गांव के लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं, वहीं श्रीरामपुर के निवासियों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। शिवाजीनगर प्रखंड अंतर्गत भटौरा पंचायत के वार्ड 5 में स्थित श्रीरामपुर गांव में नल-जल योजना अब तक शुरू नहीं हो पाई है। करीब 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में न तो पाइपलाइन बिछाई गई है और न ही वाटर टावर चालू किया गया है। इसके विपरीत, इसी वार्ड के मौलापुर गांव में चार साल पहले ही नल-जल सुविधा शुरू हो चुकी है।
स्थानीय निवासी सविता देवी, अनीता देवी, अमरेश कुमार सिंह, और दीपक कुमार सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि पानी की सुविधा के अभाव में उन्हें दूसरे वार्डों से पानी लाना पड़ता है या फिर महंगा बोतलबंद पानी खरीदना पड़ता है। महिलाओं को पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे उनका दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है।
श्रीरामपुर गांव के निवासियों ने पीएचईडी विभाग और बीडीओ कार्यालय को कई बार लिखित शिकायतें भेजी हैं। स्थानीय मुखिया सरिता कुमारी ने बताया कि समस्या को कई बार संबंधित अधिकारियों के सामने रखा गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जब से नल-जल योजना पीएचईडी विभाग को सौंपा गया है, तब से समस्याएं और बढ़ गई हैं। गांव में चार साल पहले वाटर टावर बनकर तैयार हो गया था, लेकिन अब तक एक बूंद पानी भी लोगों तक नहीं पहुंचा। इस लापरवाही से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।