समस्तीपुर ज़िले के मुसरीघरारी-दरभंगा (एनएच 322) प्रस्तावित बाइपास निर्माण की प्रक्रिया में नए एलाइनमेंट की जगह पुराने एलाइनमेंट में कार्य करने को लेकर दुधपुरा इलाके के लोगों में आक्रोश है। वे लोग इसके खिलाफ सड़क पर उतरने के लिए गोलबंद हो रहे हैं।

इस बाईपास को समस्तीपुर शहर के वार्ड 4 दुधपुरा मुहल्ला को सीधा क्रॉस करते हुए निकाला जाना है। बाईपास निर्माण के लिए राष्ट्रीय उच्च पथ (उत्तर) प्रमंडल, जयनगर से विभागीय मार्ग – रेखन में पहले पुराने एलाईनमेंट पर काम होने की बात थी। जिस पर दुधपुरा मोहल्ले के 35 से अधिक घर टूट रहे थे। जिस पर प्रभावित लोगों के भारी विरोध के बाद संबंधित विभाग से पुराने एलाईमेंट में बदलाव कर नए एलाइनमेंट पर काम करने का निर्देश जारी किया गया था।

इसके बाद भी विभागीय अभियंता द्वारा पुराने एलाईनमेंट पर ही काम करने की भनक लगते ही दुधपुरा के लोगों ने फिर से विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि कार्यपालक अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, जयनगर किसी के दवाब में नए एलाइनमेंट को दरकिनार कर पुराने एलाईनमेंट पर काम कर रहे हैं। दबाव के कारण अभियंता प्रभावित लोगों की सुन नहीं रहे हैं।

इससे दुधपुरा के प्रभावित लोगों में आक्रोश है। मुहल्ला की राजकुमारी देवी, फूल कुमारी देवी, समतोला देवी, नीलम देवी, अशोक राय, राम स्वरूप राय, गुरूदयाल साह, उमेश राय आदि लोगों का कहना है कि हमलोग इस गलत स्टेप के खिलाफ सड़क से लेकर हाई कोर्ट तक जाने के लिए कमर कस चुके हैं।

डीएम व नगर आयुक्त के अलावा विभागीय उच्चाधिकारियों इसके बारे में जानकारी दे दी गई है। डीएम व मेयर ने उनके मामले पर उचित पहल करने का आश्वासन दिया है। लोगों ने बताया कि पुराने एलाईनमेंट में सघन आबादी के 35 से अधिक घरों व सड़क को तोड़ने से बचाने के लिए ही नया एलाईनमेंट को लाया गया है। बता दें कि समस्तीपुर पूर्व डीएम योगेंद्र सिंह ने भी पुराने एलाइनमेंट पर काम को आगे बढ़ाने पर कड़ी आपत्ति करते हुए सबंधित अभियंता को बैठक में कड़ी फटकार लगाई थी।


डीएम द्वारा नया एलाइनमेंट पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का कड़ा निर्देश दिया था। उनके जिला से स्थानांतरित होकर जाने के बाद अभियंता फिर से अपनी मनमर्जी दिखाने लगे। दुधपुरा पैक्स के अध्यक्ष अरविंद राय ने बताया कि उक्त बाईपास को नए एलाइनमेंट को फॉलो कर दुधपुरा में खाली पड़ी हुई जमीन होकर ले जाने से ही 35 घरों को टूटने से बचाया जा सकता है। यही न्यायसंगत भी है। पुराने एलाईनमेंट पर काम करने से उक्त लोगों के घर टूटने के अलावा पैक्स का आधा हिस्सा भी टूट जाएगा। जिससे पैक्स से जुड़े किसानों को काफी परेशानी होगी। वार्ड पार्षद अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि बाइपास निर्माण में किसी किसान अथवा अन्य गरीब का पुस्तैनी घर टूटे और वे सड़क पर पहुंच जाएं।

