समस्तीपुर सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में सोमवार की शाम को उस समय अफरा- तफरी का माहौल बन गया, जब मुफस्सिल थाना के सिलौत गांव के छह वर्षीय बीमार बच्चे को परिजन सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर संतोष झा ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया.
हैरान करने वाली बात तब सामने आयी, जब 102 नंबर पर एंबुलेंस बुक करने के लिए पहले तो कई घंटों तक मशक्कत करनी पड़ी. काफी मशक्कत के बाद एंबुलेंस की सुविधा मिली. तब तक बच्चा इलाज के अभाव में घंटों जमीन की फर्श पर ही तड़पता रहा. परिजनों ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री से लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और सिविल सर्जन के अलावा डीएम को भी की.
लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. बताया जाता है कि बाद में एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई. इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. जांच की जाएगी. जांच के बाद कार्रवाई भी की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा जांच के बाद होगी कार्रवाई
बताया जाता है कि एक नवंबर से एंबुलेंस कंपनी की संविदा जब से सरकार की ओर से बदली है, तब से इस प्रकार की परेशानी बढ़ गई है. परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज को रेफर किए जाने के बाद एंबुलेंस की सुविधा मिलती है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन इसको लेकर आनाकानी करता है.
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