Samastipur News: समस्तीपुर में इंस्पायर अवार्ड के लिए एचएम नहीं ले रहे रूचि.

समस्तीपुर : स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित हो और वह कुछ नयी खोज के लिए प्रेरित हो, इसके लिए इंस्पायर अवार्ड योजना चलाई जा रही है. प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए यह बहुत ही उपयोगी योजना है. लेकिन, जिले के अधिकांश साइंस टीचर व स्कूल के एचएम इसमें कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं. परिणाम दो माह में 44 विद्यालय ने ही इनोवेशन आइडिया अपलोड किया है. जबकि इंस्पायर अवार्ड के लिए 15 सितंबर तक ऑनलाइन आइडिया अपलोड करने का समय निर्धारित की गयी थी. लेकिन, इसके तिथि में विस्तार किया गया है. आइडिया अपलोड नहीं होने पर तिथि को विस्तार करके 15 अक्टूबर कर दिया गया है.

   

इसमें छठी से 10वीं कक्षा के विद्यार्थी यदि उनमें कुछ नई खोज करने की इच्छा है, तो वह इंस्पायर अवार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि बीईओ को अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों को आइडिया अपलोड कराने का निर्देश दिया है. आइडिया अपलोड होने पर बेहतर आइडिया पर कार्य करने के लिए 10 हजार रुपया विद्यार्थियों को दिया जाता है. नियमानुसार हर स्कूल को पांच आवेदन करना अनिवार्य है. कम आवेदन करने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है. जिले में संचालित 898 मध्य विद्यालय एवं 403 माध्यमिक विद्यालय को अनिवार्य रूप से 5-5 इनोवेशन आइडिया अपलोड कराना है.

इसका मतलब साफ है कि साइंस टीचर और एचएम कोई रूचि नहीं दिखा रहे है. हालांकि, डीईओ ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि लक्ष्य के अनुरूप इनोवेशन आइडिया अपलोड नहीं किया जाता है तो संबंधित स्कूल के एचएम व नोडल शिक्षकों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया है कि सभी स्कूलों के एचएम और नामित शिक्षकों को एक सप्ताह के अंदर 5-5 नवाचार अपलोड करने का निर्देश दिया गया है. नवाचार अपलोड नहीं करने वाले एचएम और नामित शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

 

छात्र इस प्रोजेक्ट पर करेंगे काम
जैविक खेती, टाइप ऑफ स्वाइल, वर्षा जल संरक्षण, सौर ऊर्जा से चलने वाला उपकरण बनाना, सौर मंडल का मॉडल, पारिस्थितिकी तंत्र पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करना, मिश्रित खेती सहित अन्य तरह का मॉडल छात्रों द्वारा बनाया जाएगा. इंस्पायर अवार्ड के लिए कक्षा 6 से 10वीं तक के विद्यार्थी पात्र हैं. इस योजना में विद्यार्थियों को अपने यूनिक आइडिया विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली को भेजने पड़ते हैं. चयनित विद्यार्थी को विभाग की ओर से 10 हजार रुपए डीबीटी के जरिए मिलते हैं, जिससे वे अपने आइडिया के मॉडल बनाते हैं. इस योजना में जिला स्तर पर चयनित छात्र-छात्रा के मॉडल का प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन किया जाता है और चयनित मॉडल का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर होता है. प्रदेश स्तर पर चयनित नवीन एवं मौलिक विचारों के मॉडल को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन अहमदाबाद द्वारा अपनी लैब में उन्नत तकनीक की मदद उपलब्ध कराकर तैयार कराया जाता है. हर स्कूल से पांच बच्चों का प्रोजेक्ट बनाकर आवेदन कराने के निर्देश थे, लेकिन एकाध स्कूलों को छोड़कर आवेदन करने वाले स्कूलों ने एक, दो और तीन मॉडलों के लिए आवेदन किया है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते इस महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाया जा रहा है.

   

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