अगर आपके मुंह में दांत नहीं हैं या कोई दांत टूट गया है तो अब चिंता की कोई बात नहीं है। समस्तीपुर में आधुनिक तकनीक से दांतों का प्रत्यारोपण किया जा रहा है, जिससे मरीज न केवल आसानी से भोजन कर सकते हैं बल्कि आत्मविश्वास से बोल भी सकते हैं। यह सुविधा अब गौरव डेंटल एंड फिजियोथेरेपी हॉस्पिटल, आजादनगर मोहनपुर में उपलब्ध है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टर इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं।
समस्तीपुर के गौरव डेंटल एंड फिजियोथेरेपी हॉस्पिटल में अब दांत प्रत्यारोपण (डेंटल इंप्लांट) की आधुनिक सुविधा उपलब्ध है। अस्पताल के संचालक और प्रमुख दंत रोग विशेषज्ञ, डॉ. गौरव ने इस क्षेत्र में कई मरीजों का सफल इंप्लांट कर उनके जीवन में नया बदलाव लाया है। हाल ही में, समस्तीपुर के सूरज शर्मा नामक व्यक्ति के सभी दांतों का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया, जिससे दुर्घटना में टूट चुके दांतों की समस्या खत्म हो गई।
डॉ. गौरव के अनुसार, यह प्रक्रिया अत्याधुनिक तकनीक के जरिए की जाती है, जिसमें दर्द कम होता है और किसी बड़े ऑपरेशन की जरूरत नहीं होती। उनके अनुसार, जिनके मुंह में कोई दांत नहीं है, वे भी अब फिक्स दांत लगवाकर जीवन का आनंद उठा सकते हैं। अस्पताल में लगाए गए विशेष उपकरणों और मशीनों की सहायता से इस इंप्लांट प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाया गया है।
डॉ. गौरव बताते हैं कि डेंटल इंप्लांट सर्जरी के दौरान केवल दांतों के हिस्से को सुन्न किया जाता है, जिससे मरीज को दर्द कम होता है और प्रक्रिया भी दांत निकालने जैसी ही होती है। डेंटल इंप्लांट आज के दौर में सबसे प्रभावी और स्थायी समाधान माना जाता है। इस प्रक्रिया में कृत्रिम दांत को जबड़े में फिक्स किया जाता है, जिससे यह स्थायी रूप से जुड़ा रहता है और किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती।
डॉ. गौरव का मानना है कि जिनके मुंह में दांत नहीं हैं, उन्हें फिक्स इंप्लांट जरूर करवाना चाहिए, क्योंकि यह न केवल उनके खाने-पीने की समस्या को हल करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ाता है। डेंटल इंप्लांट्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह स्थायी होते हैं और मरीज इन्हें अपने प्राकृतिक दांतों की तरह ही इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, इस इंप्लांट से चेहरे की बनावट भी स्थिर रहती है और मरीज की मुस्कान पर सकारात्मक असर पड़ता है।
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