Samastipur News : वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ समस्तीपुर में मुस्लिम संगठन और महागठबंधन के नेताओं ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शहर में एक विशाल रैली निकाली और वक्फ संशोधन बिल को वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से की गयी। इस इस विरोध प्रदर्शन में इमारत-ए-शरिया बिहार, ओडिशा, झारखंड सहित विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया।

इस विरोध प्रदर्शन में महागठबंधन के दलों के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या मे मुस्लिम समाज के लोगों ने भाग लिया। इस दौरान लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार से अविलंब वक्फ संशोधन बिल को वापस लेने की मांग की। यह प्रतिरोध मार्च शहर के चीनी मिल परिसर से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए समाहरणालय पहुंचा। इसके बाद 11 सदस्यीय शिष्टमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम का एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए इमारत-ए-शरिया, पटना के सदस्य मो. अमानुल्लाह काशमी ने कहा कि यह न सिर्फ मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि वक्फ की संपत्तियों में सरकारी दखल को बढ़ाने वाला भी है। वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को जगह दिए जाने से कई समस्याएं बढ़ेंगी। यह अल्पसंख्यक समाज की संपत्ति और अधिकारों पर सीधा कुठाराघात है।


वहीं स्थानीय विधायक सह बिहार विधान सभा के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने इसे “असंवैधानिक” और “गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ” करार दिया। उन्होंने वक्फ संपत्तियों की सरकारी निगरानी और 300 साल पुराने दस्तावेजों की अनिवार्यता को लेकर चिंता जताई। उन्होंने इसे अल्पसंख्यकों को दबाने की साजिश और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन करार दिया।

विधायक शाहीन ने इस प्रतिरोध सभा में दो प्रस्ताव रखे, जिन्हें सभी ने ध्वनिमत से पारित किया। जिनमें पहला प्रस्ताव उन्होंने इस काले कानून को वापस लेने तथा दूसरा प्रस्ताव पहलगाम हमले में शहीद निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि देने का था।
इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक मो. सलाउद्दीन काश्मी ने कहा कि यह मोदी सरकार की मुस्लिम भावनाओं को आहत करने की कोशिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 तथा 26 का उल्लंघन की पर्याय है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष मो. अबु तमीम ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं बल्कि हमारी धार्मिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक पहचान पर हमला है। यह कानून वक्फ और उनके संवैधानिक अधिकार छीन लेने का एक योजनाबद्ध षड्यंत्र है।
राजद जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधान पार्षद रोमा भारती ने कहा कि वक्फ की हिफाजत की जद्दोजहद आखिरी सांस तक जारी रहेगी। इस सभा को भाकपा जिला मंत्री सुरेन्द्र कुमार सिंह मुन्ना, भाकपा माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार, सैयद फ़ैसल मन्नू तथा माकपा जिला मंत्री रामाश्रय महतो ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता इमारत-ए-शरिया,पटना के सदस्य मो. अमानुल्लाह काशमी और संचालन अधिवक्ता मो. असगर इमाम ने किया। वहीं समाजसेवी मो. रिजुउल इस्लाम रिज्जू ने आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापन किया। सभा के अंत में पहलगाम हमले की निंदा की गई तथा 02 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


