Categories: News

Rail Budget 2025 : 1 फरवरी को पेश होगा रेल बजट ! क्या शुरू होंगी बिहार की लंबित रेल परियोजनाएं ?

Rail Budget 2025 : देश का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। अब आम बजट में रेल बजट भी पेश किया जाता है। बिहार के लोगों को 2025-26 के बजट से काफी उम्मीदें हैं। बिहार की लंबित रेल परियोजना को लेकर लोगों को 1 फरवरी 2025 के बजट से उम्मीदें हैं।

बिहार में रेलवे की कई ऐसी योजनाएं हैं जो तय समय पर पूरी नहीं हो सकीं। तय समय सीमा पर पूरी नहीं होने के कारण रेलवे को इस योजना की तय राशि बढ़ानी पड़ी है। बिहार में रेलवे की 17 ऐसी योजनाएं हैं, जिनके समय पर पूरा नहीं होने के कारण बजट बढ़ाना पड़ा।

बिहार की लंबित योजनाएं:

  1. ईसीआर खगड़िया कुशेश्वरस्थान योजना का काम कर रहा है। अप्रैल 1997 में इसकी स्वीकृति मिली थी, उस समय 162.87 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन अब यह राशि बढ़कर 451.58 करोड़ रुपये हो गई है।
  2. हाजीपुर-सुगौली वाया वैशाली योजना अप्रैल 2003 में शुरू हुई थी, उस समय इसकी लागत 528.65 करोड़ रुपये स्वीकृत हुई थी, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण अब इसकी लागत 1558.71 करोड़ रुपये हो गई है।
  3. अररिया से गलगलिया तक बड़ी रेल लाइन योजना सितंबर 2006 में स्वीकृत हुई थी, जिसकी लागत 532.87 करोड़ रुपये बताई गई थी। लेकिन कम समय में पूरा नहीं होने के कारण अब इसका बजट 3879.39 करोड़ पहुंच गया है।
  4. समस्तीपुर दरभंगा रेल लाइन दोहरीकरण को 2015 में मंजूरी मिली थी, जिसकी लागत 380 करोड़ रुपये बताई गई थी। लेकिन योजना समय पर पूरी नहीं हो पाने के कारण 139.33 करोड़ रुपये का आवंटन बढ़ा दिया गया।
  5. जयनगर बिजलपुर वर्दीवास योजना अप्रैल 2009 में स्वीकृत हुई थी। इस योजना के लिए 584 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन समय पर पूरा नहीं होने के कारण अब तक 235.83 करोड़ रुपए की राशि बढ़ाई जा चुकी है।
  6. फतुहा इस्लामपुर बड़ी लाइन और बिहारशरीफ बरबीघा नई लाइन योजना अप्रैल 1991 में स्वीकृत हुई थी। इसके लिए 329.39 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी। लेकिन तय समय पर पूरा नहीं होने के कारण इसका बजट 2393.77 करोड़ रुपए हो गया है।
  7. सकरी हसनपुर लाइन अप्रैल 1999 में स्वीकृत हुई थी। इसके लिए 325 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन तय समय पर पूरा नहीं होने के कारण इसका बजट 410.2 करोड़ रुपए हो गया है।
  8. क्युल-गया दोहरीकरण योजना दिसंबर 2015 में स्वीकृत हुई थी। इसके लिए 1200.02 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण इसके बजट में 570.87 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है।
  9. सुगौली-वाल्मीकि नगर दोहरीकरण योजना अप्रैल 2016 में स्वीकृत हुई थी। इसके लिए 744.04 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई थी, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण इसके बजट में 471.5 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई।
  10. रामपुर डुमरा ताल-राजेंद्र ब्रिज दोहरीकरण योजना दिसंबर 2015 में स्वीकृत हुई थी, जिसके लिए 1491.47 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। लेकिन समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण इसके बजट में 108.53 करोड़ रुपये की वृद्धि करनी पड़ी।
  11. मुजफ्फरपुर-सुगौली दोहरीकरण योजना अप्रैल 2016 में स्वीकृत हुई थी, जिसके लिए 731.64 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण इसके बजट में 568.36 करोड़ रुपये की वृद्धि करनी पड़ी।
  12. कटिहार कुमेदपुर और कटिहार मुकुरिया योजना जुलाई 2022 में स्वीकृत हुई, जिसके लिए 745 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई, जिस पर काम चल रहा है।
  13. बरौनी-बछवाड़ा रेलखंड पर तीसरी और चौथी लाइन की योजना जुलाई 2022 में स्वीकृत हुई। जिसके लिए 486 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई, जिस पर काम चल रहा है।
  14. सोन नगर बाईपास लाइन चिरालापोथु से बगहा योजना की स्वीकृति अक्टूबर 2022 में दी गई। जिसके लिए 234 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई, जिस पर काम चल रहा है।
  15. झाझा बटिया योजना फरवरी 2019 में स्वीकृत हुई, जिसके लिए 496.47 करोड़ रुपये की राशि आमंत्रित की गई, जिस पर काम चल रहा है।
  16. दरभंगा सिसो हॉल्ट और कक्कड़ घाटी एक्सेल दरभंगा यार्ड को जोड़ने की स्वीकृति जून 2019 में दी गई थी, जिसके लिए 938.6.2 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी, जिस पर काम चल रहा है। अररिया-सुपौल रेल योजना को अप्रैल 2008 में मंजूरी दी गई थी। जिसके लिए 1605.17 करोड़ की राशि आवंटित की गई थी। जिस पर अभी भी काम चल रहा है।

योजनाओं में देरी के कारण: रिपोर्ट में इन योजनाओं में देरी के कई कारण बताए गए हैं, जिनमें खराब चट्टानों की समस्या, पानी आना और स्थानीय लोगों द्वारा अवरोध पैदा किया जाना शामिल है। इन कारणों से योजनाओं के पूरा होने में देरी हो रही है। योजना के पूरा होने से लाभ: इन लंबित योजनाओं में कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनसे पूर्वोत्तर क्षेत्र और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से सीधा संपर्क स्थापित हो सकता है। इन योजनाओं के पूरा होने से देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों और भारत के अन्य हिस्सों के बीच रेल संपर्क होने से बिहार के सीमावर्ती और सुदूर इलाकों में रहने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी। रेलवे के विद्युतीकरण का लाभ यह होगा कि दूरदराज के इलाकों में लोगों को बिजली की कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके अलावा रेलवे भी बिजली और विद्युतीकरण पर निर्भर हो जाएगा

Recent Posts

Samastipur Rail : मिथिलांचल के रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, जल्द शुरू होगा सकरी हसनपुर रेल लाइन.

Samastipur Rail News : केंद्रीय बजट 2025 में बिहार को कई बड़ी सौगात मिली है।…

4 minutes ago

Resonance Samastipur : समस्तीपुर रेजोनेंस कोचिंग में धूमधाम से मनाई गई सरस्वती पूजा.

समस्तीपुर के गोला रोड चौक स्थित रेजोनेंस कोचिंग में बसंत पंचमी के पावन अवसर पर…

36 minutes ago

Marion Cross School Samastipur : समस्तीपुर शहर के मेरियन क्रॉस स्कूल में धूमधाम से मनाई गई सरस्वती पूजा.

समस्तीपुर के काशीपुर स्थित मेरियन क्रॉस स्कूल में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा…

1 hour ago

AROMA Classes Samastipur : समस्तीपुर शहर के अरोमा क्लासेस में धूमधाम से मनाई गई सरस्वती पूजा.

समस्तीपुर शहर के ताजपुर रोड स्थित अरोमा कोचिंग क्लासेस में सोमवार, 3 फरवरी को सरस्वती…

1 hour ago

Bihar News : अयान की मौत से से सभी स्तब्ध ! एक रात पहले की थी पार्टी, दोस्तों ने बताई उससे जुडी कई बातें.

Bihar News : पटना में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान के इकलौते…

3 hours ago

BPSC अध्यक्ष पर सुप्रीम कोर्ट सख्त ! कोर्ट ने बिहार सरकार को भेजा नोटिस, हो सकती है बड़ी कार्रवाई.

BPSC Chairman: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। बिहार सरकार को…

4 hours ago