मुंबई में शनिवार को एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसने राज्य की राजनीति और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दशहरे के मौके पर हुए इस हमले में हमलावरों ने पटाखों का सहारा लेकर हमला किया, जिससे हत्या को अंजाम देने में आसानी हुई। यह घटना बाबा सिद्दीकी के समर्थकों और राजनीतिक दलों में रोष पैदा कर रही है।
बाबा सिद्दीकी, जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर अजित पवार की एनसीपी में शामिल हुए थे, पर उस वक्त हमला हुआ जब वे अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस से बाहर निकल रहे थे। पेट और छाती में गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने घटना के संबंध में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक उत्तर प्रदेश और दूसरा हरियाणा का निवासी है, जबकि तीसरे आरोपी की तलाश अभी भी जारी है।
#WATCH | महाराष्ट्र: वीडियो उस कार की है जिसमें मुंबई के निर्मल नगर इलाके में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोली मारी गई। उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां गोली लगने से उनकी मौत हो गई।#babasiddhique
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— Hindustan (@Live_Hindustan) October 12, 2024
प्रारंभिक जांच के अनुसार, हमलावरों ने पटाखों का इस्तेमाल करके गोलीबारी को कवर करने का प्रयास किया। हमले के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन सिद्दीकी की हत्या के वास्तविक कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। सूत्रों का कहना है कि यह हत्या व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम हो सकती है।
बाबा सिद्दीकी के निधन पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी जोर पकड़ रही हैं। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) नेताओं ने इस हत्या के लिए राज्य की महायुति सरकार पर निशाना साधा है और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस दुखद समय में वे बाबा सिद्दीकी के परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और सरकार से दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग करते हैं। वहीं, शरद पवार ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार को जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देना चाहिए।