कोरोना के ओमिक्रोन परिवार के नए जेएन1 स्ट्रेन के सब वैरिएंट्स एलएफ-7 व एनबी1.8 के लक्षण भले ही हल्के हैं, लेकिन यह रोगियों के साथ डाक्टरों को भी भ्रमित कर रहे हैं। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में इस बार कई ऐसे संक्रमित मिले हैं, जिन्हें गले में खराश, सर्दी-खांसी, बुखार नहीं है।

थकावट-कमजोरी को न करें नजरअंदाज
वे तेज सिरदर्द, बदन दर्द, थकावट-कमजोरी लेकर डाक्टर के पास जा रहे हैं लेकिन आक्सीजन स्तर में कमी देख जब डाक्टर जांच करा रहे हैं तो कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आ रही है। ये बातें आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल ने सोमवार को कहीं।

उन्होंने बताया कि राजधानी में एक डाक्टर समेत दो युवकों के पाजिटिव आने के बाद जब महाराष्ट्र, दिल्ली के डाक्टरों से बात की गई तो उन्होंने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीपी के रोगियों को इस बार के कोरोना से खास सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि सिरदर्द से बीपी अचानक तेजी से बढ़ता है और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

लक्षणों में बदलाव से आमजन रहते असावधान
डा. मनीष मंडल ने बताया कि आजकल मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे में तेज सिर-बदन दर्द, कमजोरी, थकावट, अंदर से अच्छा महसूस नहीं होने को लोग ठंडा-गर्म, लू या शादी-विवाह में अधिक कार्य को इसका कारण मान लेते हैं। ऐसे में जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है या बीपी होता है, उनमें घातक लक्षण उभर सकते हैं।

ऐसे में आमजन को कोरोना से सतर्क रहने की जरूरत है। प्रदेश में अभी कौन सा स्ट्रेन है, इसकी जांच नहीं हो रही है। जल्द ही कोरोना संक्रमितों के नमूने की जेनेटिक सिक्वेंसिंग कर इसकी जानकारी जुटाई जाएगी।

संक्रमण से बचाएंगे छोटे-छोटे उपाय
– भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क या रूमाल बांध कर रहें।
– शारीरिक दूरी नियम का पालन करें, खासकर बीमार लोगों से दूसरे क्रोनिक रोगी।
– किसी अंजान सतह को छूने के बाद हाथों को साबुन से जरूर धोएं।
– बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान-मांसपेशियों में दर्द, भूख में कमी, दस्त, पाचन राेगियों से दूरी बनाए रखें।
– गंध-स्वाद जाना, नाक बंद, उल्टी, आंखों में जलन, गले में चुभन, नींद की समस्या हो तब भी आइसोलेशन में रहे व डाक्टर से परामर्श लेकर जांच कराएं।

– मधुमेह, थायराइड, हृदय के रोगी, गर्भवती महिलाएं या वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लेने वाले भी एहतियात बरतें।

