Pragati Yatra : बिहार के आरा में प्रगति यात्रा के दौरान आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। यहां आइसा-आरवाईए छात्र संगठन के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले को काले झंडे दिखाए। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवानों ने छात्रों पर हल्का लाठीचार्ज किया। जिसमें कई छात्र घायल हो गए। जिसमें एक छात्र की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, अन्य छात्र फिलहाल खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। सभी घायल छात्रों को इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वहीं पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में भी लिया है। घायल छात्र नेता पुलिस पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज और पिटाई का आरोप लगा रहे हैं। घायलों में आइसा नेता रोशन कुशवाहा, साहिल अरोड़ा और आरवाईए नेता अखिलेश कुमार गुप्ता शामिल हैं।

दरअसल, प्रगति यात्रा के चौथे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले आरा के जगदीशपुर के ककिला गांव पहुंचे। जहां से वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अपने काफिले के साथ मॉरीशस के प्रथम प्रधानमंत्री सर शिवसागर राम गुलाम के पैतृक गांव हरी गांव आ रहे थे। इसी दौरान सिआरुआ गांव के पास आइसा-आरवाईए के छात्र संगठन के नेता अपनी 13 सूत्री मांग का ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन जब मुख्यमंत्री का काफिला नहीं रुका तो आइसा-आरवाईए के छात्र नेताओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।


सुरक्षा के लिए वहां तैनात पुलिस के जवानों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन छात्र सुनने को तैयार नहीं थे, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों और छात्र नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जिसमें पुलिस को मजबूरन लाठी चलानी पड़ी और आइसा-आरवाईए के करीब 3 से 4 छात्र घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घायल छात्रों के अनुसार वे अपनी 13 सूत्री मांग को मुख्यमंत्री को सौंपना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री उन्हें देखकर नहीं रुके और काफिले के साथ निकल रहे थे, जिस पर हम लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाकर विरोध जताया। इस दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने हमारे साथ मारपीट की और हम सभी छात्रों को घायल कर दिया।