विभिन्न मांगों को लेकर राजस्व कर्मचारी पिछले करीब दो माह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस कारण अंचलों में दाखिल खारिज, परिमार्जन समेत जमीन से संबंधित कई महत्वपूर्ण कार्य बाधित हैं। राजस्व कर्मचारियों को काम पर वापस लौटाने का विभाग के स्तर से काफी प्रयास किया गया, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।

अंचलों में उत्पन्न समस्या को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से अहम निर्णय लिया गया। इसके तहत अब राजस्व कर्मचारियों का भी कार्य पंचायत सचिव और अंचल अमीन को करना होगा। इसे लेकर सोमवार को सभी जिलों में पटना से ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई।

जिले में समाहरणालय सभागार के ऊपरी तल पर पंचायत सचिव और अमीन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। विभाग के अधिकारियों ने राजस्व कर्मचारियों के कामकाज के बारे में तकनीकी रूप से जानकारी दी।

इसके बाद सभी संबंधितों से इस विषय पर सवाल जवाब भी किया गया। इस कार्य को करने में किसी प्रकार की दिक्कत के बारे में भी जानकारी ली गई। इसके बाद राजस्व कर्मचारियों के लिए आवंटित कराया गया लैपटॉप पंचायत सचिव और अमीन को उपलब्ध कराते हुए कार्य शुरू कराने को कहा गया।

सेवानिवृत राजस्व कर्मचारियों का संविदा पर होगा नियोजन:
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष सचिव ने सभी समाहर्ता को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के कारण अंचलों में कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसके लिए जो राजस्व कर्मचारी सेवानिवृत हो गए हैं, उनकी सूची तैयार की जाए और संविदा पर इनका नियोजन किया जाए, ताकि जमीन संबंधित कामकाज लंबित नहीं रहे।

उन्हाेंने कहा कि अगर सेवानिवृत कर्मी इच्छुक हैं तो वे 31 तक अपर समाहर्ता के कार्यालय में पहुंचकर पेंशन प्राधिकार और पहचान पत्र दिखाते हैं तो इस आधार पर उनका नियोजन किया जा सकता है।

पांच अंचलों का प्रदर्शन सबसे खराब:
मुशहरी, कांटी, मीनापुर, कुढ़नी और मोतीपुर अंचल का प्रदर्शन पिछली समीक्षा बैठक में सबसे खराब रहा था। दाखिल खारिज और परिमार्जन के लंबित आवेदनों के निष्पादन में पिछड़ने पर कांटी, मीनापुर, कुढ़नी और मोतीपुर के राजस्व कर्मचारी को डीएम ने निलंबित किया था, जबकि मीनापुर सीओ पर आर्थिक दंड भी लगाया गया था। इन अंचलों में दाखिल खारिज का निष्पादन 80 प्रतिशत के आसपास है।

