देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की अपील पर डॉक्टरों ने अपने कर्तव्यों की ओर लौटने का फैसला लिया। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई अमानवीय घटना के खिलाफ डॉक्टरों ने हड़ताल का रास्ता चुना था, परंतु अब मरीजों की भलाई के लिए उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है।
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई जघन्य घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टरों ने 11 दिनों तक हड़ताल की थी, जिसके चलते अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की अपील पर गुरुवार को हड़ताल खत्म होने के बाद पीएमसीएच और एनएमसीएच सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने फिर से अपने काम को संभाल लिया।
हड़ताल समाप्त होने के साथ ही पटना के प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं सामान्य हो गईं, जिससे लगभग दो हजार मरीजों का इलाज संभव हो सका। पीएमसीएच में जहां दो दर्जन से अधिक ऑपरेशन किए गए, वहीं आईजीआईएमएस में 3452 मरीजों की ओपीडी में जांच हुई और 48 ऑपरेशन संपन्न हुए।
पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की प्रवक्ता डॉ. सिमरन ने कहा कि भले ही हड़ताल समाप्त हो गई हो, लेकिन विरोध जारी रहेगा। इस विरोध को अब कैंडल मार्च, सभाओं और संवाद के माध्यम से व्यक्त किया जाएगा। गुरुवार शाम को पीएमसीएच में एक कैंडल मार्च के साथ इस विरोध की शुरुआत की गई, जिसमें डॉक्टरों, मरीजों और उनके परिजनों ने भाग लिया।
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