बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा विवादों में घिर गई है। प्रश्नपत्र वितरण में देरी और धांधली के आरोपों ने राज्यभर में हंगामा खड़ा कर दिया है। पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर हुए हंगामे के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई, लेकिन छात्रों की मांग है कि पूरे राज्य में हुई परीक्षा को रद्द किया जाए।
बापू परीक्षा केंद्र पर हंगामा:
13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र वितरण में देरी के कारण छात्रों ने हंगामा किया। उनका आरोप था कि यह देरी जानबूझकर की गई, जिससे पेपर लीक कर धांधली की जा सके। हंगामे के बाद लगभग 12,000 में से केवल 5,500 उम्मीदवार ही अपनी ओएमआर शीट जमा कर सके।
पुनर्परीक्षा की घोषणा:
बीपीएससी ने बापू परीक्षा केंद्र पर रद्द की गई परीक्षा की नई तिथि घोषित कर दी है। यह परीक्षा अब 4 जनवरी को आयोजित की जाएगी। आयोग ने इस निर्णय को निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बताया। परीक्षार्थियों को सलाह दी गई है कि वे नई तिथि के अनुसार अपनी तैयारी करें और बीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट रहें।
प्रदर्शन और मांगें:
पटना के गर्दनीबाग में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि केवल एक केंद्र की परीक्षा रद्द करना पर्याप्त नहीं है। उनका दावा है कि राज्य के अन्य केंद्रों पर भी गड़बड़ियां हुई हैं, इसलिए पूरी परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए।
नेताओं के बयान:
विवाद पर बिहार सरकार में मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि छात्रों को न्याय सरकार दिलाएगी। उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को “सिर्फ सोशल मीडिया नेता” बताते हुए छात्रों को उनसे उम्मीद न रखने की सलाह दी। वहीं, छात्रों ने कहा कि उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।